असम में ढाई लाख से ज्यादा लोग बाढ़ आने से हुए प्रभावित, जलप्रलय के कारण मरने वालों की संख्या हुई 16

अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ के पानी ने असम के 16 जिलों में शुक्रवार तक 2.53 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया, जबकि जलप्रलय के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई। धेमाजी राज्य में सबसे ज्यादा प्रभावित जिले है। इसके बाद तिनसुकिया, माजुली और डिब्रूगढ़ आते हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएम) के दैनिक बाढ़ बुलेटिन ने शनिवार सुबह ही डिब्रूगढ़ जिले में जलप्रलय से एक और शख्स के मारे जाने की पुष्टि की थी।

वहीं, भारी वर्षा के बाद आज तिनसुकिया जिले में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज जिले में हल्की से मध्यम बारिश के साथ बादल छाए रहने का अनुमान जताया है।

अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियाँ कई स्थानों पर खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं और उन्होंने धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, उदलगुरी, दारनफ, बक्सा, नलबाड़ी, कोकराझार, बारपेटा, नागांव, गोलाघाट, जोरहाट, मझौली, शिवसागर, डिब्रूगढ़ में बाढ़ का पानी भर दिया है।

एएसडीएमए ने कहा कि जिला अधिकारियों ने छह जिलों में 142 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां 18,000 से अधिक लोगों ने शरण ली है। मोरीगांव की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य (Pobitora Wildlife Sanctuary) का 80 फीसदी इलाका जलमग्न हो गया है, जिससे जंगली जानवर, सींग वाले भारतीय गैंडों सहित, पास के ऊंचे इलाकों में चले जाते हैं। अभयारण्य में 100 से अधिक गैंडे, 1,500 जंगली भैंसे और हजारों हॉग हैं। इसके रेंजर के अनुसार, बाढ़ के पानी ने गुरुवार को अभयारण्य में प्रवेश किया और स्थिति ‘खतरनाक’ है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जलप्रलय ने लगभग 12,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को खड़ी फसलों के साथ उखाड़ फेंका है। बुलेटिन में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र जोरहाट जिले के नेमाटीघाट, धुबरी शहर और तेजपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कई स्थानों पर सड़क और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है।

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