दिल्ली में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) मुखिया अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली भाजपा नेताओं पर करारा हमला बोला है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीटकर दिल्ली के भाजपा नेताओं पर गंभीर लगाए हैं। दिल्ली विधानसभा में लटक गए भाजपा नेताओं के चेहरे पहले ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा है- 'CCTV कैमरों के लगने से भाजपा बेहद दुखी है। आख़िर क्यों? कल (शुक्रवार) को विधानसभा में जब ये एलान किया गया कि दिल्ली कैबिनेट ने CCTV कैमरों की मंज़ूरी दे दी है तो तीनों भाजपा विधायकों के मुंह लटक गए। भाजपा दिल्ली में CCTV कैमरे क्यों नहीं लगने देना चाहती?' सीसीटीवी कैमरों का विरोध बर्दाश्त नहीं करेंगे दूसरे ट्वीट में केजरीवाल ने केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए लिखा है- 'एक भाजपा नेता ने मुझे बताया कि CCTV कैमरे भाजपा क़तई नहीं लगने देगी। भाजपा दो विकल्प पर काम कर रही है।1. CBI में फ़र्ज़ी मामला दर्ज कर सारी फ़ाइल उठा लो और प्रोजेक्ट रोक दो। 2. LG इस मामले को राष्ट्रपति को भेज दे।' इसी के साथ ट्वीट में अंत में केजरीवाल ने लिखा है -'अगर भाजपा CCTV कैमरे रोकेगी तो लोग क़तई बर्दाश्त नहीं करेंगे।' अनशन पर बैठे केजरीवाल के मंत्री की चौथे दिन तबीयत खराब, BJP का धरना दूसरे दिन भी जारी यह भी पढ़ें जानिये- अब 'रावण' से क्यों मुलाकात करना चाहते हैं अरविंद केजरीवाल यह भी पढ़ें गौरतलब है कि दिल्ली में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की जिस परियोजना को लेकर विवाद चल रहा है उसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। व्यय एवं वित्त समिति (ईएफसी) के सुझाव पर लोक निर्माण विभाग द्वारा इस संबंध में पेश किए गए प्रस्ताव के तहत 571.40 करोड़ रुपये की लागत से 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसमें कैमरे लगाने के लिए 320.96 करोड़ रुपये और पांच साल की अवधि तक मरम्मत के लिए 250.44 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। परियोजना के अनुसार, दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। इस परियोजना को लेकर उस वक्त विवाद हो गया था जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने उपराज्यपाल से मिलकर शिकायत की थी कि परियोजना के टेंडर आमंत्रित किए जाने को लेकर आधिकारिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। इस मामले में विवाद बढ़ने पर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव मनोज परीदा के नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर दी थी।

आखिर क्यों दुखी हैं दिल्ली के भाजपा नेता, केजरीवाल ने ट्वीट कर खोला राज

दिल्ली में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) मुखिया अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली भाजपा नेताओं पर करारा हमला बोला है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीटकर दिल्ली के भाजपा नेताओं पर गंभीर लगाए हैं।दिल्ली में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) मुखिया अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली भाजपा नेताओं पर करारा हमला बोला है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीटकर दिल्ली के भाजपा नेताओं पर गंभीर लगाए हैं।   दिल्ली विधानसभा में लटक गए भाजपा नेताओं के चेहरे  पहले ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा है- 'CCTV कैमरों के लगने से भाजपा बेहद दुखी है। आख़िर क्यों? कल (शुक्रवार) को विधानसभा में जब ये एलान किया गया कि दिल्ली कैबिनेट ने CCTV कैमरों की मंज़ूरी दे दी है तो तीनों भाजपा विधायकों के मुंह लटक गए। भाजपा दिल्ली में CCTV कैमरे क्यों नहीं लगने देना चाहती?'    सीसीटीवी कैमरों का विरोध बर्दाश्त नहीं करेंगे  दूसरे ट्वीट में केजरीवाल ने केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए लिखा है- 'एक भाजपा नेता ने मुझे बताया कि CCTV कैमरे भाजपा क़तई नहीं लगने देगी। भाजपा दो विकल्प पर काम कर रही है।1. CBI में फ़र्ज़ी मामला दर्ज कर सारी फ़ाइल उठा लो और प्रोजेक्ट रोक दो। 2. LG इस मामले को राष्ट्रपति को भेज दे।' इसी के साथ ट्वीट में अंत में केजरीवाल ने लिखा है -'अगर भाजपा CCTV कैमरे रोकेगी तो लोग क़तई बर्दाश्त नहीं करेंगे।'   अनशन पर बैठे केजरीवाल के मंत्री की चौथे दिन तबीयत खराब, BJP का धरना दूसरे दिन भी जारी यह भी पढ़ें     जानिये- अब 'रावण' से क्यों मुलाकात करना चाहते हैं अरविंद केजरीवाल यह भी पढ़ें गौरतलब है कि दिल्ली में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की जिस परियोजना को लेकर विवाद चल रहा है उसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। व्यय एवं वित्त समिति (ईएफसी) के सुझाव पर लोक निर्माण विभाग द्वारा इस संबंध में पेश किए गए प्रस्ताव के तहत 571.40 करोड़ रुपये की लागत से 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसमें कैमरे लगाने के लिए 320.96 करोड़ रुपये और पांच साल की अवधि तक मरम्मत के लिए 250.44 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है।  परियोजना के अनुसार, दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। इस परियोजना को लेकर उस वक्त विवाद हो गया था जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने उपराज्यपाल से मिलकर शिकायत की थी कि परियोजना के टेंडर आमंत्रित किए जाने को लेकर आधिकारिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। इस मामले में विवाद बढ़ने पर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव मनोज परीदा के नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर दी थी।

दिल्ली विधानसभा में लटक गए भाजपा नेताओं के चेहरे

पहले ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा है- ‘CCTV कैमरों के लगने से भाजपा बेहद दुखी है। आख़िर क्यों? कल (शुक्रवार) को विधानसभा में जब ये एलान किया गया कि दिल्ली कैबिनेट ने CCTV कैमरों की मंज़ूरी दे दी है तो तीनों भाजपा विधायकों के मुंह लटक गए। भाजपा दिल्ली में CCTV कैमरे क्यों नहीं लगने देना चाहती?’

सीसीटीवी कैमरों का विरोध बर्दाश्त नहीं करेंगे

दूसरे ट्वीट में केजरीवाल ने केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए लिखा है- ‘एक भाजपा नेता ने मुझे बताया कि CCTV कैमरे भाजपा क़तई नहीं लगने देगी। भाजपा दो विकल्प पर काम कर रही है।1. CBI में फ़र्ज़ी मामला दर्ज कर सारी फ़ाइल उठा लो और प्रोजेक्ट रोक दो। 2. LG इस मामले को राष्ट्रपति को भेज दे।’ इसी के साथ ट्वीट में अंत में केजरीवाल ने लिखा है -‘अगर भाजपा CCTV कैमरे रोकेगी तो लोग क़तई बर्दाश्त नहीं करेंगे।’

गौरतलब है कि दिल्ली में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की जिस परियोजना को लेकर विवाद चल रहा है उसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। व्यय एवं वित्त समिति (ईएफसी) के सुझाव पर लोक निर्माण विभाग द्वारा इस संबंध में पेश किए गए प्रस्ताव के तहत 571.40 करोड़ रुपये की लागत से 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसमें कैमरे लगाने के लिए 320.96 करोड़ रुपये और पांच साल की अवधि तक मरम्मत के लिए 250.44 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है।

परियोजना के अनुसार, दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। इस परियोजना को लेकर उस वक्त विवाद हो गया था जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने उपराज्यपाल से मिलकर शिकायत की थी कि परियोजना के टेंडर आमंत्रित किए जाने को लेकर आधिकारिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। इस मामले में विवाद बढ़ने पर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव मनोज परीदा के नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर दी थी।

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