प्यार कब, कैसी और कहा हो जाता है इस बात को कोई नहीं जानता, लेकिन प्यार तो प्यार है वह बस हो जाता है. प्यार करने का कोई समय या कोई उम्र नहीं होती. प्यार सभी को हो जाता है फिर वो बच्चे हो, बूढ़े या जवान. प्यार में केवल सामने वाले के लिए अच्छी भावनाएं होनी चाहिए. प्यार का इजहार करने का भी अलग-अलग तरीका होता है. पहले के समय का प्यार और अब के समय का प्यार एक-दूसरे से काफी अलग है. जी हाँ 90 के दशक का प्यार और अब के समय में होने वाला प्यार काफी अलग और अनोखा है. पहले प्यार को जाहिर करने के सौ तरीके होते थे. पहले आप प्यार को अलग-अलग तरह से जाहिर कर सकते थे लेकिन अब प्यार को जाहिर करने के लिए लोग सोशल मीडिया का सहारा लेता है. अब प्यार को सोशल मीडिया के द्वारा जाहिर किया जाता है. 90 के दशक में सोशल मीडिया नहीं था इस वजह से लोगों को नए साधन, नए तरीके अपनाने पड़ते थे जो बहुत ही लाजवाब हुआ करते थे. आइए आज हम बात करते हैं उस दौर की. पहले के समय में लवलेटर हुआ करता था और एक प्रेमी अपने प्रेमिका को अपने दिल की बात एक कागज पर लिखकर दिया करता था. उस कागज पर लिखे शब्द का सामने वाले पर काफी गहरा असर पढ़ता था और वह भी सामने वाले की तरफ आकर्षित हो जाती थी. ऐसा ही एक प्रेमिका भी अपने प्रेमी के लिए किया करती थी. पहले के समय में लोग अपने प्यार को जाहिर करने के लिए रेडियो का सहारा लिया करते थे पहले रेडियो काफी पॉपुलर हुआ करते थे और हर दूसरे व्यक्ति के घर में रेडियो हुआ करता था. जब किसी को अपने प्यार का इजहार करना होता आया किसी की याद आ रहीं होती तो लोग रेडियो में उसके लिए अपनी फ़रमाइश के गाने बाजवा दिया करते थे. पहले के समय में जब आपस में लड़ाई हो जाती थी और बार बार ब्लैंक कॉल और लैंड लाइन पर कॉल किए जाते थे केवल आवाज सुनने के लिए और बाद में सॉरी बोलने के लिए. वाकई में 90 के दशक का प्यार बहुत ही अनोखा हुआ करता था.

आज की जनरेशन क्या जाने वो ब्लैंक कॉल और लव लेटर वाला प्यार

प्यार कब, कैसी और कहा हो जाता है इस बात को कोई नहीं जानता, लेकिन प्यार तो प्यार है वह बस हो जाता है. प्यार करने का कोई समय या कोई उम्र नहीं होती. प्यार सभी को हो जाता है फिर वो बच्चे हो, बूढ़े या जवान. प्यार में केवल सामने वाले के लिए अच्छी भावनाएं होनी चाहिए. प्यार का इजहार करने का भी अलग-अलग तरीका होता है. पहले के समय का प्यार और अब के समय का प्यार एक-दूसरे से काफी अलग है. जी हाँ 90 के दशक का प्यार और अब के समय में होने वाला प्यार काफी अलग और अनोखा है. पहले प्यार को जाहिर करने के सौ तरीके होते थे. पहले आप प्यार को अलग-अलग तरह से जाहिर कर सकते थे लेकिन अब प्यार को जाहिर करने के लिए लोग सोशल मीडिया का सहारा लेता है. अब प्यार को सोशल मीडिया के द्वारा जाहिर किया जाता है. 90 के दशक में सोशल मीडिया नहीं था इस वजह से लोगों को नए साधन, नए तरीके अपनाने पड़ते थे जो बहुत ही लाजवाब हुआ करते थे. आइए आज हम बात करते हैं उस दौर की.प्यार कब, कैसी और कहा हो जाता है इस बात को कोई नहीं जानता, लेकिन प्यार तो प्यार है वह बस हो जाता है. प्यार करने का कोई समय या कोई उम्र नहीं होती. प्यार सभी को हो जाता है फिर वो बच्चे हो, बूढ़े या जवान. प्यार में केवल सामने वाले के लिए अच्छी भावनाएं होनी चाहिए. प्यार का इजहार करने का भी अलग-अलग तरीका होता है. पहले के समय का प्यार और अब के समय का प्यार एक-दूसरे से काफी अलग है. जी हाँ 90 के दशक का प्यार और अब के समय में होने वाला प्यार काफी अलग और अनोखा है. पहले प्यार को जाहिर करने के सौ तरीके होते थे. पहले आप प्यार को अलग-अलग तरह से जाहिर कर सकते थे लेकिन अब प्यार को जाहिर करने के लिए लोग सोशल मीडिया का सहारा लेता है. अब प्यार को सोशल मीडिया के द्वारा जाहिर किया जाता है. 90 के दशक में सोशल मीडिया नहीं था इस वजह से लोगों को नए साधन, नए तरीके अपनाने पड़ते थे जो बहुत ही लाजवाब हुआ करते थे. आइए आज हम बात करते हैं उस दौर की.    पहले के समय में लवलेटर हुआ करता था और एक प्रेमी अपने प्रेमिका को अपने दिल की बात एक कागज पर लिखकर दिया करता था. उस कागज पर लिखे शब्द का सामने वाले पर काफी गहरा असर पढ़ता था और वह भी सामने वाले की तरफ आकर्षित हो जाती थी. ऐसा ही एक प्रेमिका भी अपने प्रेमी के लिए किया करती थी.    पहले के समय में लोग अपने प्यार को जाहिर करने के लिए रेडियो का सहारा लिया करते थे पहले रेडियो काफी पॉपुलर हुआ करते थे और हर दूसरे व्यक्ति के घर में रेडियो हुआ करता था. जब किसी को अपने प्यार का इजहार करना होता आया किसी की याद आ रहीं होती तो लोग रेडियो में उसके लिए अपनी फ़रमाइश के गाने बाजवा दिया करते थे.    पहले के समय में जब आपस में लड़ाई हो जाती थी और बार बार ब्लैंक कॉल और लैंड लाइन पर कॉल किए जाते थे केवल आवाज सुनने के लिए और बाद में सॉरी बोलने के लिए. वाकई में 90 के दशक का प्यार बहुत ही अनोखा हुआ करता था.

पहले के समय में लवलेटर हुआ करता था और एक प्रेमी अपने प्रेमिका को अपने दिल की बात एक कागज पर लिखकर दिया करता था. उस कागज पर लिखे शब्द का सामने वाले पर काफी गहरा असर पढ़ता था और वह भी सामने वाले की तरफ आकर्षित हो जाती थी. ऐसा ही एक प्रेमिका भी अपने प्रेमी के लिए किया करती थी.

पहले के समय में लोग अपने प्यार को जाहिर करने के लिए रेडियो का सहारा लिया करते थे पहले रेडियो काफी पॉपुलर हुआ करते थे और हर दूसरे व्यक्ति के घर में रेडियो हुआ करता था. जब किसी को अपने प्यार का इजहार करना होता आया किसी की याद आ रहीं होती तो लोग रेडियो में उसके लिए अपनी फ़रमाइश के गाने बाजवा दिया करते थे.

पहले के समय में जब आपस में लड़ाई हो जाती थी और बार बार ब्लैंक कॉल और लैंड लाइन पर कॉल किए जाते थे केवल आवाज सुनने के लिए और बाद में सॉरी बोलने के लिए. वाकई में 90 के दशक का प्यार बहुत ही अनोखा हुआ करता था.

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