संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने अपनी भारत यात्रा के दौरान ऑब्जर्वर रिसर्च फाउन्डेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को फिर चेताते हुए कहा कि वह उसकी सरकार के आतंकवादियों को पनाह मुहैया कराने को बर्दाश्त नहीं कर सकता. उसने यह भी कहा कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अवश्य वैश्विक अगुवा बनना चाहिए. भारत-अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने पर यहां अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि दोनों में से कोई भी देश आतंकवादियों को शरण देने और उनका समर्थन करने वाली व्यवस्था के प्रति आंखें नहीं मूंद सकता. उन्होंने कहा कि अमेरिका का पाकिस्तान के साथ संबंधों के प्रति रवैया पहले से अलग है. उन्होंने कहा कि हालांकि पाकिस्तान कई मामलों में अमेरिका का भागीदार है, लेकिन आतंकवादियों को पाकिस्तानी सरकार या किसी अन्य सरकार के पनाह देने को वह बर्दाश्त नहीं कर सकता. 46 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी नागरिक हेली ने कहा, 'हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम पाकिस्तान को पहले की तुलना में अधिक सख्ती से यह संदेश दे रहे हैं और हमें बदलाव की उम्मीद है.' अमेरिका और भारत दोनों के आतंकवाद के दर्द का अनुभव करने की बात पर गौर करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देश आतंकवादियों और उन्हें प्रेरित करने वाली घृणा की विचारधारा को परास्त करने के लिये प्रतिबद्ध हैं. हेली ने कहा, 'हमें खतरा पहुंचाने वाले आतंकवादी नेटवर्क का सफाया करने और आतंकवादियों और उसके प्रायोजकों से परमाणु हथियारों को दूर रखने में हमारी दिलचस्पी है.' उन्होंने कहा, 'दोनों देशों ने एक दशक पहले खौफनाक मुंबई हमले में अपने नागरिकों को गंवाया. लोकतंत्र के तौर पर अमेरिका और भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अवश्य वैश्विक अगुवा बनना चाहिये.'

आतंकवाद पर पाक को फिर अमरीकी चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने अपनी भारत यात्रा के दौरान ऑब्जर्वर रिसर्च फाउन्डेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को फिर चेताते हुए कहा कि वह उसकी सरकार के आतंकवादियों को पनाह मुहैया कराने को बर्दाश्त नहीं कर सकता. उसने यह भी कहा कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अवश्य वैश्विक अगुवा बनना चाहिए. भारत-अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने पर यहां अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि दोनों में से कोई भी देश आतंकवादियों को शरण देने और उनका समर्थन करने वाली व्यवस्था के प्रति आंखें नहीं मूंद सकता. उन्होंने कहा कि अमेरिका का पाकिस्तान के साथ संबंधों के प्रति रवैया पहले से अलग है.संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने अपनी भारत यात्रा के दौरान ऑब्जर्वर रिसर्च फाउन्डेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को फिर चेताते हुए कहा कि वह उसकी सरकार के आतंकवादियों को पनाह मुहैया कराने को बर्दाश्त नहीं कर सकता. उसने यह भी कहा कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अवश्य वैश्विक अगुवा बनना चाहिए. भारत-अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने पर यहां अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि दोनों में से कोई भी देश आतंकवादियों को शरण देने और उनका समर्थन करने वाली व्यवस्था के प्रति आंखें नहीं मूंद सकता. उन्होंने कहा कि अमेरिका का पाकिस्तान के साथ संबंधों के प्रति रवैया पहले से अलग है.  उन्होंने कहा कि हालांकि पाकिस्तान कई मामलों में अमेरिका का भागीदार है, लेकिन आतंकवादियों को पाकिस्तानी सरकार या किसी अन्य सरकार के पनाह देने को वह बर्दाश्त नहीं कर सकता. 46 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी नागरिक हेली ने कहा, 'हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम पाकिस्तान को पहले की तुलना में अधिक सख्ती से यह संदेश दे रहे हैं और हमें बदलाव की उम्मीद है.' अमेरिका और भारत दोनों के आतंकवाद के दर्द का अनुभव करने की बात पर गौर करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देश आतंकवादियों और उन्हें प्रेरित करने वाली घृणा की विचारधारा को परास्त करने के लिये प्रतिबद्ध हैं.  हेली ने कहा,  'हमें खतरा पहुंचाने वाले आतंकवादी नेटवर्क का सफाया करने और आतंकवादियों और उसके प्रायोजकों से परमाणु हथियारों को दूर रखने में हमारी दिलचस्पी है.' उन्होंने कहा, 'दोनों देशों ने एक दशक पहले खौफनाक मुंबई हमले में अपने नागरिकों को गंवाया. लोकतंत्र के तौर पर अमेरिका और भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अवश्य वैश्विक अगुवा बनना चाहिये.'

उन्होंने कहा कि हालांकि पाकिस्तान कई मामलों में अमेरिका का भागीदार है, लेकिन आतंकवादियों को पाकिस्तानी सरकार या किसी अन्य सरकार के पनाह देने को वह बर्दाश्त नहीं कर सकता. 46 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी नागरिक हेली ने कहा, ‘हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम पाकिस्तान को पहले की तुलना में अधिक सख्ती से यह संदेश दे रहे हैं और हमें बदलाव की उम्मीद है.’ अमेरिका और भारत दोनों के आतंकवाद के दर्द का अनुभव करने की बात पर गौर करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देश आतंकवादियों और उन्हें प्रेरित करने वाली घृणा की विचारधारा को परास्त करने के लिये प्रतिबद्ध हैं.

हेली ने कहा,  ‘हमें खतरा पहुंचाने वाले आतंकवादी नेटवर्क का सफाया करने और आतंकवादियों और उसके प्रायोजकों से परमाणु हथियारों को दूर रखने में हमारी दिलचस्पी है.’ उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों ने एक दशक पहले खौफनाक मुंबई हमले में अपने नागरिकों को गंवाया. लोकतंत्र के तौर पर अमेरिका और भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अवश्य वैश्विक अगुवा बनना चाहिये.’  

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