आतंकी संगठनों पर ट्रंप के मंत्रिुयों ने दी चेतावनी- PAK को भुगतने होंगे गंभीर नतीजे

आतंकी संगठनों पर ट्रंप के मंत्रिुयों ने दी चेतावनी- PAK को भुगतने होंगे गंभीर नतीजे

आतंकियों को शरणस्थली उपलब्ध करवाने के लिए पाकिस्तान को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद अमेरिका के दो प्रमुख नेता विदेशमंत्री और रक्षामंत्री ने कहा है कि अगर पाकिस्तान आतंकी समूहों को शरणस्थली उपलब्ध करवाना जारी रखता है, तो उसे बड़े गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा खो देने जैसे कई परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.आतंकी संगठनों पर ट्रंप के मंत्रिुयों ने दी चेतावनी- PAK को भुगतने होंगे गंभीर नतीजेबड़ी खबर: चीन का राजनाथ वाले विवाद पर बड़ा पलटवार, कहा- अगर हम भारत में घुसे तो पूरी तरह कर देंगे

ट्रंप ने आतंकी समूहों को पाकिस्तान की ओर से मिलने वाले सहयोग के खिलाफ सख्ती से बोलते हुए कहा था कि इस देश को अमेरिका से अरबों डॉलर मदद के तौर पर मिलते हैं लेकिन यह आतंकियों को शरण देना जारी रखने से बाज नहीं आता हैं. ट्रंप ने साथ ही इस्लामाबाद को भी चेतावनी दी कि अफगानिस्तान में अमेरिकियों को मारने वालों और अराजकता पैदा करने वालों को शरणस्थली उपलब्ध करवाने पर, आतंकियों को मदद देने पर इस्लामाबाद का बहुत कुछ दांव पर लगा हैं. रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन इस बार इस संदर्भ में पाकिस्तान के खिलाफ कार्यवाही जरूर करेगा.

दरअसल मैटिस इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि पूर्व में भी ऐसे वादे किए जा चुके हैं लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने में अमेरिका पीछे ही हटता रहा है. रक्षा मंत्री से पूछा गया था, ट्रंप के शब्द बेहद कड़े हैं लेकिन ऐसे शब्द पहले भी सुने जा चुके हैं. असल में इस संदर्भ में कुछ किया जाएगा या पुरानी ही रणनीति पर ही चला जाएगा. पश्चिम एशिया की यात्रा पर गए मैटिस ने अपने साथ गए रिपोर्टर से कहा था कि मैं सवाल समझाता हूं. लेकिन आपको इसका जवाब जानने के लिए इंतजार करना होगा और देखना होगा.

मैटिस ने चीफ्स ऑफ स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान से जुड़ी ट्रंप की रणनीति को क्रियांवित करने के लिए तैयारी करें. उन्होंने कहा, मैं नाटो के महासचिव और हमारे सहयोगियों के संपर्क में रहूंगा. इनमें से कई सहयोगियों ने सैनिकों की संख्या बढ़ाने का वादा किया हैं. हमने एकसाथ मिलकर आतंकी केंद्रों को नष्ट करने में अफगान सुरक्षा बलों की मदद करने का फैसला किया हैं. 

विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने भी इस बात को स्वीकार किया कि पाकिस्तान को जो गैर-नाटो सहयोगी होने का दर्जा मिला हुआ है, वह खतरे में हैं. इसी बीच, विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने इस बात से इंकार नहीं किया कि यदि कार्यवाही योग्य खुफिया जानकारी मिलती है तो अमेरिकी सैन्य बल आतंकियों पर हमला करने से पीछे नहीं हटेंगे. साथ ही आगे अपनी बात में कहा कि मेरा मानना है कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता हासिल होने से अफगानियों के अलावा अगर कोई बड़ा लाभार्थी है तो वह पाकिस्तानी हैं. उन्हें किसी भी अन्य देश से ज्यादा लाभ हो सकता हैं.

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