रिवालसर झील : हिन्दू, बौद्ध और सिखों का सांझा तीर्थस्थल

आस्था और रोमांच से होना है सराबोर तो करें मंडी की इन पांच झीलों की सैर

81 शिव मंदिरों के कारण मण्‍डी को ‘छोटी काशी’ भी कहते हैं। यहां की झीलें पर्यटन मानचित्र में अपना खास महत्‍व रखती हैं। चलते हैं इन खूबसूरत झीलों की सैर पर…रिवालसर झील : हिन्दू, बौद्ध और सिखों का सांझा तीर्थस्थल

रिवालसर झील : हिन्दू, बौद्ध और सिखों का सांझा तीर्थस्थल

यह झील तीन धर्मो हिन्दू, बौद्ध और सिखों का सांझा तीर्थस्थल है। यह झील तैरने वाले टापुओं के लिए मशहूर है। इस झील में रंग-बिरंगी बेशुमार मछलियां हैं। झील के साथ ही चिडि़याघर भी है, जो हर समय लोगों के आकर्शण का केंद्र बना रहता है। यहां बैसाख के पहले तीनों धर्मो के लोग सामुहिक स्नान करते हैं। रिवालसर की इसी पहाड़ी पर बौद्ध गुरु पदमसंभव की कई फीट ऊंची विशाल प्रतिमा भक्तों और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। झील से लगभग सात किमी. दूर इसी पहाड़ी पर सड़क के किनारे आपको छोटी-छोटी गुफाएं नजर आ जाती हैं। ये गुफाएं बौद्ध भिक्षुओं की साधना का स्थल हैं।

यहां हर वक्त बौद्ध भिक्षु शांत मुद्रा में बिना किसी से बातचीत किए भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं। यहां का शांत वातावरण थोड़ी देर के लिए दुनिया के शोर-शराबे से कोसों दूर कहीं एकांत में ले जाता है। रिवालसर झील मण्डी मुख्यालय से लगभग 24 किमी. की दूरी पर समुद्रतल से 1360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां आप पूरे बर्षभर कभी भी जा सकते हैं।

 

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