रेड फॉक्स (लाल लोमड़ी) के जरिये पहाड़ के काश्तकारों को सुअरों के आंतक से निजात दिलाने की योजना विफल हो चुकी है। दरअसल, वन विभाग रेड फॉक्स को खोज ही नहीं सका। अब फिर से विभाग रेड फॉक्स को खोजने की कवायद शुरू करेगा।
पहाड़ के छोटे काश्तकार हमेशा से जंगली सुअर के आंतक से परेशान हैं। कुछ इलाकों में लोग इस समस्या के चलते पलायन तक कर चुके हैं। डेढ़ साल पूर्व वन विभाग ने रेड फॉक्स के जरिये लोगों की समस्या के समाधान की बात कही थी। लोमड़ी की यह प्रजाति सुअरों की दुश्म
न मानी जाती है। सुअरों के छोटे बच्चे इसका पसंदीदा आहार है। गुलदार तक के बच्चों को ये निवाला बना लेती है।
उस समय विभाग ने दावा किया था कि जंगल से रेड फॉक्स पकड़कर नैनीताल जू में इनका संरक्षण किया जाएगा। इसके लिए बकायदा ब्रीडिंग सेंटर बनाकर प्रजनन के जरिये रेड फॉक्स की संख्या बढ़ाई जाएगी। पर लंबी कवायद के बाद भी वन विभाग लाल लोमड़ी को नहीं खोज सका। वहीं लगातार बढ़ रहे सुअरों के आतंक ने पहाड़ के काश्तकारों की कमर तोड़ रखी है।
पहाड़ में रेड फॉक्स की संख्या लगातार कम होती जा रही है। अगर वह विभाग इस दिशा में ठोस कदम उठाता तो सुअरों का खात्मा और लोमड़ी का संरक्षण दोनों काम हो सकते थे।
डीएफओ बीजूलाल टीआर रेड फॉक्स के जरिये सुअरों की समस्या का समाधान किया जा सकता है। मैंने अभी हाल में चार्ज लिया है। इस बारे में प्रस्ताव तैयार करने का प्रयास होगा।