महाराष्ट्र के गोंदिया में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं द्वारा जिला पंचायत पर कब्जे के लिए बीजेपी से गठजोड़ करने की शिकायत को हाईकमान ने गंभीरता से लिया है. राहुल गांधी ने महाराष्ट्र ईकाई के नेताओं से इस पर सफाई मांगी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से इसके बारे में शिकायत की थी.
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एनसीपी ने शिकायत की थी कि गोंदिया जिले के विदर्भ में जिला परिषद पर नियंत्रण हासिल करने के लिए कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला लिया. गत 15 जनवरी को बीजेपी के सपोर्ट से गोंदिया जिला परिषद में कांग्रेस सत्ता में आ गई. इससे एनसीपी काफी नाराज है. स्थानीय चुनाव में एनसीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने यह बात स्वीकार की है कि एनसीपी ने इस बारे में शिकायत की थी और राहुल गांधी ने महाराष्ट्र ईकाई से इसके बारे में सफाई मांगी है. हालांकि राज्य के वरिष्ठ नेता इस मामले में अपना प ल्ला झाड़ रहे हैं. मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की एक बैठक में अशोक चव्हाण ने कहा कि उन्हें खुद मामले में अंधेरे में रखा गया.
सूत्रों के मुताबिक इस गठजोड़ की गाज जिले के स्थानीय नेताओं पर गिर सकती है. जिले में पार्टी की गतिविधियां देखने वाले सभासद गोपालदास अग्रवाल के खिलाफ इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. पार्टी ने दो वरिष्ठ नेताओं हर्षवर्द्धन सपकाल और विजय वडेट्टिकर को मामले की जांच करने और इस पर विस्तृत रिपोर्ट देखने के लिए भेजा गया है.
गौरतलब है जिले में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के कट्टर विरोधी अग्रवाल इसके पहले भी एक बार पार्टी लाइन से परे जाकर बीजेपी से गठजोड़ कर चुके हैं. महाराष्ट्र के कई जिलों में कांग्रेस और एनसीपी के बीच कड़वाहट काफी ज्यादा है, इसी वजह से बीजेपी से गठजोड़ जैसी चकित करने वाली घटना सामने आई है.
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