हिमालयी क्षेत्र में होने वाले बुरांश के फूल सभी को अपनी ओर आकृषित करता है। बुरांश दिखने मे ही सुंदर नहीं होता इस में कई लाभदाई गुण होते हैं। इसलिए ही प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में बुरांश को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
आंवला दिला सकता है मुंह के छालो की समस्या से छुटकारा
रोडोडेंड्रोन प्रचाति के इस पेड़ में सीजन में ही फूल खिलते हैं। इन फूलों का रंग लाल, गुलाबी और सफेद होता है। लेकिन लाल बुरांश सबसे ज्यादा औषधिय गुणों से भरपूर होता है।
बुरांश के फूल का जूश हृदय रोग, किडनी, लिवर के अलावा रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने और हड्डियों को सामान्य दर्द के लिए बहुत लाभदायी होता है। राज्य वृक्ष और इतने सारे औषधिय गुण होने के बावजूद भी बुरांश के फूलों का वैज्ञानिक तौर पर दोहन नहीं होता है।
स्थानीय स्तर पर ही इस के फूलों का जूस बनाया जाता है। यदि इस का ब्यवसायिक उपयोग के लिए प्रयोग किया जाये तो इससे प्रदेश का राजस्व भी बढ़ सकता है।
बुरांश के जूस की मांग अन्य प्रदेशों में भी बहुत है। जूस के अलावा बुरांश की पत्तियां जैविक खाद बनाने में और इस की लकड़ी फर्नीचर व कृषि उपकरण बनाने में प्रयोग की जाती है। यह फूल बसंत ऋतु यानि मार्च या अप्रैल माह में होता है।