भारत विविधताओं का देश हैं। भारत राम के आदर्शों का देश है। देश में चाहे भले कितनी भी विविध संस्कृति के लोग रहते हैं, लेकिन वे सभी राम को अपना मानते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश में बसे रामनामी समाज के बारें में। इस समाज की खास बात यह है कि इस समाज के सभी लोग अपने पूरे शरीर पर राम नाम लिखवाते हैं।
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छत्तीसगढ़ के बसे इस समाज में अपने पूरे शरीर पर राम नाम लिखवाने की परंपरा पिछले सैकड़ों साल से चली आ रही है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी समाज के लोग इस परंपरा को शिद्दत से निभाते आ रहे हैं। यही कारण है कि समाज के स्त्री हो पुरूष या फिर बच्चे सभी का पूरा शरीर आपको राममय नजर आएगा।
ऐसे शुरू हुई ये परंपरा
कहा जाता है कि सैकड़ों साल पहले गांव में कुछ उंची जाति के लोगों ने इस समाज के लोगों को मंदिर में घुसने से मना कर दिया था। इसके बाद से ही इन्होंने विरोध स्वरूप अपने चेहरे सहित पूरे शरीर पर राम नाम का टैटू बनवाना शुरू कर दिया।
रामनामी समाज के लोग छत्तीसगढ़ के जिस जमगाहन गांव में रहते हैं, वह इलाका बेहद गरीब और पिछड़े इलाकों में से एक है। रामनामी समाज को रमरमिहा के नाम से भी जाना जाता हैं। इस समाज के लोगों का मानना है कि शरीर पर बने राम नाम के टैटू इस बात का प्रतीक है कि भगवान किसी जाति विशेष के न होकर सभी के हैं।
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समाज के कुछ नियम
- इस समाज के पैदा हुए लोगां को पूरे शरीर पर न सही लेकिन शरीर के कुछ हिस्सों में टैटू बनवाना जरूरी है।
- राम नाम का टैटू बनवाने वाले समाज के लोगों को शराब पीने की मनाही होने के साथ-साथ रोजाना राम नाम बोलना भी जरूरी है।
- अधिकांश रामनामी समाज के लोगों के घरों की दीवारों पर राम-राम लिखा हुआ होता है।
- इस समाज के लोगों में राम-राम लिखे कपड़े पहनने का चलन है तथा ये लोग आपस में एक-दूसरे को राम-राम के नाम से ही पुकारते हैं।