एक बार फिर फड़नवीस सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप...

एक बार फिर फड़नवीस सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप…

महाराष्ट्र की देवेंद्र फड़नवीस सरकार एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरती दिख रही है। मुख्यमंत्री ने आरोपों से घिरे एक अधिकारी को जांच पूरी होने तक पद से हटा दिया है। जबकि अपने मंत्री पर लग रहे आरोपों को वह राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित बता रहे हैं।एक बार फिर फड़नवीस सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप...अभी अभी: शरद यादव ने नई पार्टी बनाने को लेकर दिया ये बड़ा बयान…

मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग परियोजना के प्रमुख अधिकारी की भूमिका निभा रहे एमएसआरडीसी के उपाध्यक्ष राधेश्याम मोपलवार को रिश्वत मांगने के आरोप के बाद जांच पूरी होने तक पद से हटा दिया गया है। यह घोषणा गुरुवार को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में की। मुख्यमंत्री फड़नवीस ने कहा कि मोपलवार पर लगे आरोप पहले के हैं।

इनका मुंबई-नागपुर समृद्धि गलियारे से कोई संबंध नहीं है। मोपलवार को उनकी बातचीत का एक टेप सामने आने के बाद पद से हटाया गया है। इसमें उन्होंने किसी बिचौलिए से अपने लिए एक करोड़ और मंत्रालय में देने के लिए दो करोड़ रुपये की मांग की। मुख्यमंत्री का कहना है कि यदि मोपलवार का ऑडियो टेप सही पाया गया तो उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि मोपलवार इन दिनों मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना मुंबई-नागपुर समृद्धि गलियारे के प्रभारी अधिकारी की भूमिका निभा रहे थे।

दूसरी ओर महाराष्ट्र के गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता एक साथ दो आरोपों से घिरते दिखाई दे रहे हैं। बुधवार को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने झोपड़पट्टी पुनर्विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का मसला उठाया था। उनका आरोप था कि दक्षिण मुंबई के ताड़देव इलाके में एमपी मिल की भूमि पर विकास के मामले में प्रकाश मेहता ने मुख्यमंत्री के नाम का दुरुपयोग कर भवन निर्माता को 800 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया। यह मामला ठंडा भी नहीं हो पाया कि विधानसभा में नेता विरोधी दल राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मेहता पर एक नया आरोप मढ़ दिया। पाटिल का कहना है कि मेहता ने बिल्डर से छीना गया 18,902 वर्ग मीटर का भूखंड म्हाडा से वापस लेकर एक डेवलपर को दे दिया है। हालांकि मुख्यमंत्री ने मेहता का बचाव किया।

पहले भी लगे मंत्रियों पर आरोप

मेहता आरोप से घिरनेवाले फड़नवीस सरकार के चौथे मंत्री हैं। इससे पहले भी फड़नवीस के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। सरकार बनने के कुछ समय बाद ही मंत्री पंकजा मुंडे पर चिक्की घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे। फिर शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े पर उनकी ही डिग्री के घोटाले का आरोप लगा। पिछले साल ही राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे को भूखंड घोटाले में त्यागपत्र देना पड़ा था।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com