सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे जनलोकपाल और किसानों के मसलों पर फिर से दिल्ली में आंदोलन शुरू करेंगे। लोकपाल आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे हजारे ने कहा कि उन्होंने आंदोलन शुरू करने के लिए अगले साल की 23 मार्च को चुना है क्योंकि इस तारीख को शहीद दिवस मनाया जाता है।
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अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि में अपने समर्थकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा कि जनलोकपाल, किसानों के मसले और चुनाव सुधार के लिए यह एक सत्याग्रह होगा। उन्होंने कहा कि इन मसलों पर वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखते रहे हैं जिसके बारे में अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। हजारे ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि बीते 22 वर्षों में कम से कम 12 लाख किसानों ने आत्महत्या की है। मैं जानना चाहता हूं कि इस दौरान कितने उद्योगपतियों ने जान दी है।
उल्लेखनीय है कि हजारे भ्रष्टचार पर रोकथाम के लिए जनलोकपाल का गठन करने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने इसके लिए साल 2011 में 12 दिन का अनशन किया था। उनकी मांगों पर यूपीए सरकार ने लोकपाल विधेयक पारित भी किया था। हजारे के एक सहयोगी ने कहा कि मोदी सरकार ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए लोकपाल की नियुक्ति नहीं की है।
लोकपाल की नियुक्ति में यह है पेंच
हजारे के सहयोगी ने बताया कि संबंधित कानून के तहत जो समिति लोकपाल को चुनेगी जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश अथवा उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति होना चाहिए। फिलहाल लोकसभा में विपक्ष का कोई नेता नहीं है इसलिए समिति गठित नहीं हो सकती और लोकपाल की नियुक्ति भी नहीं हो पाएगी।
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