ऐसे…. बनाए चाय के साथ गर्मागर्म समोसे

चाय के साथ गर्मागर्म समोसे के नाम सुनकर ही मुंह में पानी आ जाता है। हमारे देश्‍ा में जितनी भाषाएंं और क्षेत्र उतने ही अलग-अलग स्‍वाद के समोसे और नाम। लेकिन आपको जानकर हैरत होगी कि समोसे का अविष्‍कार भारत में नहीं बल्कि मिस्‍त्र में हुआ है।13-14 वीं सदी में व्‍यापारियों के साथ मध्‍य एशिया से होते समोसा भारत पहुंचा और तब से लेकर आज तक भारतीय की पसंदीदा स्‍नैक्‍स में से एक है। आइए जानते है समोसे के दिलचस्‍प सफर के बारे में- 

13-14 वीं शताब्‍दी में भारत पहुंचा
इतिहासकारों की मानें तो दसवीं शताब्‍दी में मध्‍य एशिया में समोसा एक व्‍यंजन के रुप में सामने आया था। 13- 14 वीं शताब्‍दी में व्‍यापारियों के माध्‍यम से समोसा भारत पहुंचा। 16 वीं शताब्‍दी के मुगलकालीन दस्‍तावेज आइने अकबरी में भी समोसे का जिक्र मिलता है।

इन नामों से जाना जाता है
समोसे को अलग अलग भाषाओं में कई नामों से जाना है, अंग्रेजी में तो समोसा ही कहा जाता है लेकिन हमारे देश में ही समोसे के और कई नाम मिल जाते है। जैसे बंगाल, झारखंड और उड़ीसा में सिंघाड़ा तो गुजराती में सुमोस कहा जाता है।

 

है उसे लुख्‍मी कहा जाता है। फारसी और उर्दू में सम्‍बुसका तो अरबी में इसे सम्‍बुसक के नाम से जाना जाता है और मध्‍य एशिया में सम्‍सा और ईरान में सन्‍बुसे के नाम से प्रसिद्ध है।

नॉनवेज समोसा भी लोगों की पसंद
समोसे में भी अब कई वैरायटीज आने लगी है। समय के साथ समोसे के तिकोने आकार में कोई फेरबदल नहीं हुआ लेकिन इसके स्‍टफ और मसालों के साथ भी काफी बदलाव हुए है। जहां हमारे देश में ज्‍यादात्‍तर लोग आलू के स्‍टफ के साथ सूखे मेवे और कुरकुरे मटर वाले समोसे पसंद किए जाते है वहीं नॉर्थ इंडिया के कुछ जगहों समेत गोआ, पाकिस्‍तान और मध्‍य एशिया में आज भी नॉनवेज समोसा फूडीज के पसंदीदा हैं।

महान कवि अमीर खुसरो (1253-1325) ने भी जिक्र किया है कि तेल में तले हुए मीट के स्‍टफ वाले समोसे दिल्‍ली सल्‍तनत में उस दौरान शाही परिवार के सदस्‍यों और अमीर घरानों के प्रिय व्‍यंजन में था

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com