दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने सरकारी आवास खाली करने के दौरान का दिलचस्प अनुभव बयां किया है। मौजूदा माहौल में दिल्ली पुलिस व पशुपालन विभाग से इजाजत के बावजूद उनके आवास से गाय ले जाने के लिए कोई टेंपो वाला तैयार नहीं हुआ। कपिल मिश्रा ने पूरा घटनाक्रम ब्लॉग पर शेयर किया है।
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पूर्व मंत्री ने लिखा है कि सरकारी आवास में जगह होने से उन्होंने घर मे दो गाय पाल रखी थी। एक बछड़ा व एक बछिया के तौर पर इनके दो बच्चे भी थे। करीब डेढ़ साल पहले मंत्री बनने पर इन्हें सिविल लाइंस स्थित अपने आवास लाए थे। उस वक्त सब चुटकियों में हो गया। गाय और उनके बच्चे कैसे आए, यह कोई मसला ही नहीं था।
लेकिन अब घर खाली करते वक्त इन्हें ले जाने के लिए कोई टेंपो वाला तैयार नहीं था। सबने कहा कि पुलिस से स्पेशल लेटर लिखवाना व पशुपालन विभाग से एनओसी भी जरूर लेना। यह सब हो जाने के बाद भी लोग डरे हुए थे।
पूर्व मंत्री को मिला गाय ले जाते वक्त भजन कीर्तन का सुझाव
गाय की देखभाल करने वाले एक भाई ने गाय अपने घर ले जाने की इच्छा जताई। हमें भी ठीक लगा, पर वो भी लेकर जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। मिश्रा ने सवाल किया है कि पता नहीं कि इस तरह के डर से गाय का भला होगा या बुरा। ये सही है या गलत। पर ऐसे माहौल में कोई गाय रखने या पालने की हिम्मत कैसे करेगा।
बकौल मिश्रा किसी ने सुझाव दिया कि गाय ले जाते वक्त भजन कीर्तन करते जाओ। रास्ते मे जो भी मिले, उसे गौ माता का आशीर्वाद दिलवाने व बदले में चंदा लेते हुए लेकर जाया जाए तो शायद कोई डर न हो।
मिश्रा ने बताया कि किसी तरह शुक्रवार दोपहर बाद गाय ले जाने का इंतजाम हो सका। इसके लिए टेंपो में पुलिस का भी इंतजाम करना पड़ा। उन्होंने कहा कि मौजूदा माहौल में मिला यह अनुभव हमारे लिए हैरान करने वाला था।
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