चोट लगने से या फिर किसी कीड़े के काटने से कई बार हमारी कलाई या उंगली के बीच में स्किन फूल-सी जाती है। जिस हम यह सोचकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि कुछ ही दिनों में खुद ही ठीक हो जाएगी। लेकिन ऐसा करना आपकी सेहत के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है, क्योंकि कई बार कलाई या उंगली के बीच में हमारी हड्डी बढ़ जाती है, जो ट्यूमर जैसी समस्या की ओर इशारा करती है। दिन भर की थकान को सिर्फ 10 मिनट में छूमंतर करने के लिए करे ये खास प्राणायाम…
मेडिकल साइंस के अनुसार बताया गया है कि इस समस्या को हाइग्रोमा के नाम से जाना जाता है। यह एक कैप्सूल या सिस्ट के फॉम में हमारी हड्डियों में बनती है, जिसे हम कई बार सौंदर्य धब्बा या फिर बम्प समझ बैठते हैं। लेकिन यह आपकी सेहत के लिए खतरे की घंटी ही है।
शरीर पर किन जगहों पर हो सकता है उत्पन्न
ज्यादातर ये बम्प आपकी कलाई पर पड़ता है, जो छूने पर काफी मुलायम भी लगता है। इसके अलावा ये आपकी हथेली के बीच के हिस्से पर या फिर अंगूठे के पास भई उत्पन्न हो सकता है। साथ ही ये कई बार आपकी हाथों की उंगलियों के अंदर के हिस्स में भी पनप सकता है।
क्यों होता है ये उत्पन्न
वैसे तो इस बम्प या सिस्ट का पता आप आसानी से नहीं लगा सकते हैं कि क्यों ये आपकी कलाई या हाथों की उंगलियों पर उभरा है। फिर भी मॉडर्न साइंस के अनुसार अगर देखा जाए, तो अंदरूनी कमजोरी, हाल ही में लगी चोट, स्प्रेन, हड्डी का गलत तरह से टूटना, जोड़ों की समस्या, कलाई पर मुलायम टिशू में उत्पन्न होने वाला इंफ्लेमेशन, लंबे समय तक कलाई और उंगलियों से काम करना जैसे पियानो बजाना या कंप्यूटर पर टाइप करना आदि, इसके होने के कारण हो सकते हैं।
सिस्ट होने के लक्षण
वैसे तो सिस्ट के पैदा होने का काई कारण नहीं होता है। वहीं, अगर हम इसके बढ़ने की बात करें, तो कई लोगों में ये कम समय में काफी बढ़ जाती है, तो कई में ये सालों तक एक ही साइज में दिखाई देती रहती है। जिन लोगों को बम्प या सिस्ट की समस्या होती है, वे इन लक्षणों पर जरूर ध्यान दें- जैसे जॉइंट्स को मोड़ने में तकलीफ आना, सिस्ट जहां पर हो, वहां कि स्किन लाल होना या स्किन को उतरना, अंदर मौजूद टिशू की वजह से कलाई या उंगली में हल्का दर्द महसूस होना और स्किन में सेंसिटिविटी का कम होना आदि।
इसका क्या इलाज हो सकता है
अगर आपकी हथेली या उंगली या कलाई पर हड्डी बड़े या सिस्ट के पनपने का खतरा हो, तो तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें। इसके लिए आप किसी सर्जन या पॉडियट्रिस्ट की सलाह ले सकते हैं।