दोस्तों वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर में भगवान का मंदिर होना अति आवश्यक है, अगर उन मंदिरों में सुबह शाम पूजा अर्चना की जाए तो घर में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती और सुख समृद्धि बनी रहती है, नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती तथा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, लेकिन वास्तु शास्त्र के मुताबिक हम आपको एक बात बता दें की घर के मंदिर में भगवान की कुछ ऐसी मूर्ति भी है जिसको घर में रखने से घर में सुख समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता जाता है तो चलिये जानते है वह कौन सी मूर्ति है?क्या आप जानते है इन जगहों पर घड़ी लगाना मतलब मुसीबतों को न्यौता देना
काल भैरव भगवान शिव का अवतार है, इसलिए भैरव भगवान की मूर्ति या तस्वीर को घर में रखकर इनकी पूजा अर्चना नहीं करना चाहिए क्योंकि काल भैरव तंत्र विद्या के स्वामी है, ये शास्त्र के देवता माने जाते है इसलिए इन्हें हमेशा बाहर के मंदिर में रखना चाहिए.
शनि देवता की पूजा भी घर के मंदिर में नहीं की जाती क्योंकि शनि देव की मूर्ति को घर में रखने से इनकी पूजा में विघ्न उत्पन्न होता है और विघ्न उत्पन्न होने से इनका प्रकोप हमारे ऊपर पड़ सकता है इसलिए इनकी मूर्ति या तस्वीर को घर के मंदिर में न रखकर बाहर के मंदिर में रखना चाहिए.
राहू और केतु को भी घर में कभी नहीं रखना चाहिए क्योकि जिन व्यक्तियों के ऊपर इनकी छाया पड़ती है उनके ऊपर दुःखो का पहाड़ टूट जाता है इसलिए इनकी पूजा भी बाहर के मंदिर में करना चाहिए.
नटराज भगवान शिव का रोद्र रूप है इसलिए इनके इस रूप की पूजा भी बाहर के मंदिर में करना चाहिए.