आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. इससे कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति की मुश्किल और बढ़ सकती है. ईडी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जांच से यह पता चला है कि कार्ति ने तब की एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती के बैंक अकाउंट में 1.8 करोड़ रुपये डाले थे.
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इस अकाउंट नंबर से हुए पैसे ट्रांसफर
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, इस मामले की जांच कर रहे ED के कुछ अधिकारियों ने बताया है कि कार्ति ने पैसा चेन्नई के रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड (RBS) के अपने खाते से दिल्ली के इस प्रभावशाली नेता के अकाउंट में ट्रांसफर किया. कार्ति ने कथित रूप से यह रकम इस ब्रांच के अकाउंट नंबर 397990 से दिल्ली के वरिष्ठ नेता के अकाउंट में ट्रांसफर किए.
अधिकारियों ने अभी इस नेता के नाम का खुलासा नहीं किया है. उनका कहना है कि इससे जांच प्रभावित हो सकता है. उनका कहना है कि करीब दशकों के अपने राजनीतिक करियर में यह नेता केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं.
सीबीआई ने रविवार को आईएनएक्स मीडिया रिश्वत कांड में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और आईएनएक्स कंपनी की मालिक इंद्राणी मुखर्जी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की.
जानकारी के मुताबिक इस पूछताछ में इंद्राणी ने सीबीआई अधिकारियों की पूछताछ में कार्ति पर लगे आरोपों को दोहराया. उन्होंने कहा कि वह और उनके पति पीटर मुखर्जी तत्कालीन वित्त मंत्री (पी. चिदंबरम) के कहने पर कार्ति से मिले थे. मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी के सामने दिए बयान में पीटर और इंद्राणी ने यह खुलासा किया है कि उन्होंने कार्ति को विदेश में स्थित अपने सब्सिडियरी के द्वारा करीब 3.1 करोड़ रुपये दिए हैं. हालांकि, कार्ति ने इन आरोपों से इनकार किया.
इंद्राणी ने यह भी कहा कि उनकी कंपनी आईएनएक्स मीडिया ने चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक डील की थी, पैसों का भुगतान अडवांटेज स्ट्रैटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को किया गया था. कार्ति को इस मैनेजमेंट कंपनी में मारे गए छापे से बरामद हुईं 10 लाख रुपये की रसीदें दिखाई गईं तो उन्होंने कहा कि वह कंपनी की रोजमर्रा की गतिविधियों में शामिल नहीं होते थे.
कार्ति चिदंबरम को पिछले हफ्ते की शुरुआत में चेन्नई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के 9 महीने बाद कार्ति की गिरफ्तारी हुई. उन पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, सार्वजनिक नौकरियों को प्रभावित करना और आपराधिक कदाचार का आरोप है.
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