केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान से बिहार चुनाव से लगाई जा रही काफी उम्मीद

लोक जनशक्त‍ि पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान के एक बयान ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है. अब बिहार चुनाव से ठीक पहले एनडीए के कुनबे में कलह होती दिख रही है. उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के वर्तमान कैबिनेट मंत्री राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान से इस चुनाव में काफी उम्मीद लगाई जा रही है. आइए जानते हैं कौन हैं चिराग पासवान. बॉलीवुड अभ‍िनेता से नेता तक उनका सफर कैसा रहा. कहां से की है पढ़ाई.

चिराग पासवान का जन्म 31 अक्टूबर 1982 में हुआ था. वो कैबिनेट मंत्री राम विलास पासवान के बेटे हैं. साल 2014 में वो 16वीं लोकसभा में जमुई लोकसभा सीट से लोक जनशक्त‍ि पार्टी (लोजपा) से चुने गए थे. सिनेमा प्रेमियों के सामने यह नाम कुछ साल पहले चर्चा में आया था. ये चर्चा थी कंगना रनौत के साथ फिल्म को लेकर. मगर हुआ यूं कि चिराग सिनेप्रेमियों के दिल में नहीं उतर पाए.

इसलिए धीरे-धीरे अपने पिता और बिहार के दिग्गज नेता रामविलास पासवान के साथ राजनीति में उतर गए. इन दिनों बिहार चुनाव से ठीक पहले वो पीएम को चिट्ठी लिखने और एनडीए में बिखराव जैसी तमाम अटकलों को लेकर चर्चा में हैं.

कंप्यूटर साइंस से इंजीन‍ियरिंग की पढ़ाई करने वाले चिराग बचपन से ही बॉलीवुड में करियर बनाना चाहते थे. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि राजनीति उनके रगों में है लेकिन उनका सपना रुपहले पर्दे पर करियर बनाने का है.

राजनीतिक परिवार से आने वाले चिराग बचपन से नेताओं और राजनीति को ही देखते सुनते रहे. फिल्मों से उनका अधिक एक्सपोजर नहीं था. उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि मेरे पिता को मालूम था कि मेरा झुकाव कला की तरफ है. इसकी वजह ये थी कि वो स्कूल-कॉलेज के ड्रामा में हिस्सा लेते थे.

बचपन से लेकर कॉलेज की पढ़ाई तक उनका काफी वक्त दिल्ली में ही बीता. वहीं से स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई के बाद वो साल 2011 में कंगना रनौत के साथ एक फिल्म में नजर आए. फिल्म का नाम ‘मिले न मिले हम’ था जो कि बॉक्स ऑफिस में औसत फिल्म ही रही.

फिल्म बॉक्स ऑफ‍िस पर बिल्कुल कमाल नहीं कर पाई. फिर  इसी के बाद चिराग पासवान ने राजनीति में उतरने का फैसला किया फिर 2014 में पहली बार चुनाव लड़ा. अपने पिता की लोकप्रियता और एक खास तबके में उनकी पार्टी की पकड़ के फलस्वरूप उन्होंने लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुधांशु शेखर भास्कर को लगभग 85,000 वोटों से हराकर जमुई लोकसभा सीट जीती.

बता दें कि हाल ही में उनके एक बयान को लेकर बिहार में कई अटकलें लगाई जा रही थीं. चिराग पासवान द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश की आलोचना ने लोजपा के नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर संदेह पैदा कर दिया था. चिराग ने बयान दिया था कि मैं भाजपा द्वारा चुने गए किसी भी टॉम, डिक या हैरी के साथ खुश हूं.

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