कैलाश विजयवर्गीय की विधायकी रद्द करने की याचिका चीफ जस्टिस ने भेजी बेंच के पास

कैलाश विजयवर्गीय की विधायकी रद्द करने की याचिका चीफ जस्टिस ने भेजी बेंच के पास

सुप्रीम कोर्ट में एक काउंसल को एक ही मामले की अपील 5 बार करनी पड़ी, लेकिन इसके बाद भी केस को लिस्टेड नहीं किया गया। सोमवार को चीफ जस्टिस के सामने गुहार लगाने के एक घंटे के अंदर ही कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया। काउंसल अनिरुद्ध सिंह ने चीफ जस्टिस से गुहार लगाने के पहले 2 महीने में पांच बार केस को लिस्ट करने की गुजारिश की थी, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला।कैलाश विजयवर्गीय की विधायकी रद्द करने की याचिका चीफ जस्टिस ने भेजी बेंच के पासमध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार ने कोर्ट में बीजेपी विधायक कैलाश विजयवर्गीय की सदस्यता रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की है। दरबार का आरोप है कि विजयवर्गीय ने चुनाव जीतने के लिए गलत तरीकों का प्रयोग किया और इसके आधार पर उनकी सदस्यता रद्द की जाए। चीफ जस्टिस के पास जैसे ही मामला पहुंचा उन्होंने तुरंत केस को लिस्टेड कर इसे सुनवाई के लिए उपयुक्त बेंच के पास भेज दिया।

सिंह ने 22 जनवरी, 8 फरवरी, 19 फरवरी, 12 मार्च और 16 मार्च को याचिका की सुनवाई के लिए अपील की। हर बार सिंह को आश्वासन मिला, लेकिन केस लिस्टेड नहीं हो सका। आखिरकार सोमवार को चीफ जस्टिस के सामने गुहार लगाने के साथ ही केस को लिस्टेड कर दिया गया। सोमवार को दरबार के केस की सुनवाई जस्टिस आर के अग्रवाल और जस्टिस ए एम सापरे की बेंच को सौंप दी गई। कोर्ट ने नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। 

यह है मामला 
2013 विधनसभा चुनावों में मध्य प्रदेश के महू विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की ओर से कैलाश विजयवर्गीय ने चुनाव लड़ा था और वह जीते। उनके मुकाबले में कांग्रेस के अंतरसिंह दरबार चुनाव मैदान में थे। चुनाव में विजयवर्गीय की जीत हुई थी, जिसके बाद दरबार ने 20 जनवरी 2014 को विजयवर्गीय के खिलाफ हाई कोर्ट में चुनौती दी। दरबार ने विजयवर्गीय पर गलत तरीके से चुनाव जीतने का आरोप लगाया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने केस खारिज कर विजयवर्गीय की विधायकी बरकरार रखी। कोर्ट ने कहा था कि दरबार आरोपों को साबित नहीं कर पाए इसलिए विजयवर्गीय के चुनाव को रद्द नहीं किया जा सकता। 

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