उस वक्त क्रिकेट प्रेमियों को एक बड़ा झटका लगा जब टीम इंडिया के कोच अनिल कुंबले का कॉन्ट्रैक्ट भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने रिन्यू नहीं करने का निर्णय लिया।
इसके बाद कोच के पद के लिए नए सिरे से आवेदन मंगाने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी। पहले यह माना गया है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कुंबले ने कोच की तनख्वाह बढ़ाने की वकालत की थी। कुंबले के इस बयान से बीसीसीआई नाराज हो गया और नए सिरे से कोच की तलाश का निर्णय लिया गया लेकिन अब बीसीसीआई के इस निर्णय के पीछे का सच सामने आ रहा है।
सूत्रों का कहना है कि टीम इंडिया के खिलाड़ियों की शिकायत पर बीसीसीआई ने यह कदम उठाया है। कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सीओए( कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन) से खिलाड़ियों ने कुंबले की शिकायत की है। कुंबले और खिलाड़ियों के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं। न ही उन्हें खिलाड़ियों का विश्वास हासिल है। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले सीओए संभल कर कदम उठाना चाहती है ताकि टीम इंडिया के प्रदर्शन पर इसका असर न पड़े।
ड्रेसिंग रूम में कुंबले करते हैं मनमानी
अनिल कुंबले और विराट कोहली
बताया जा रहा है कि कुंबले ड्रेसिंग रूम में ज्यादा हावी हो गए हैं खिलाड़ी इससे खुश नहीं हैं। ड्रेसिंग रूम में आजादी नहीं रह गई है। खिलाड़ियों को कुंबले के एटीट्यूड से परेशानी है। ऐसे में बीसीसीआई के पास कोई विकल्प शेष नहीं रह गया है।
अनिल कुंबले के टीम के साथ एक साल सफलतापूर्वक निकल जाने के बाद बोर्ड ने इस बाबत नोटिस जारी किया है। अनिल कुंबले के मौजूदा एक वर्षीय अनुबंध चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के बाद समाप्त हो जाएगा। कुंबले की समय सीमा समाप्त होने से पहले ही भारतीय बोर्ड ने नए कोच की तलाश शुरू कर दी है।
ऐसा नहीं है कि कुंबले दोबारा टीम इंडिया के कोच नहीं बन सकते। उन्हें इस प्रक्रिया में सीधा प्रवेश मिला है। गौरतलब है कि बोर्ड ने सीधे तौर पर कुंबले का कॉन्ट्रेक्ट आगे नहीं बढ़ाया। कुंबले की कोचिंग में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है। बता दें कि हाल ही में अनिल कुंबले ने बोर्ड से अपनी सेवाओं की एवज में 7.5 करोड़ रुपये की मांग की थी। इस पद के लिए अपना नाम भेजने की अंतिम तारीख 31 मई है।
अनिल कुंबले की कोचिंग में 17 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से 12 में उसे जीत मिली, जबकि 4 मैच ड्रॉ रहे। भारत इस दौरान सिर्फ एक ही टेस्ट मैच हारा। इस प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 पर काबिज है। भारतीय कोच चुनने का फैसला बीसीसीआई की सलाहकार समिति के पास है, जिसमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं।