क्वारंटाइन सेंटरों में रहकर इन सेंटरों की हालत सुधारने में जुटे कई प्रवासी युवक….

कोरोना काल में क्वारंटाइन सेंटरों में रहकर कई प्रवासी युवक इन सेंटरों की हालत सुधारने में जुटे हुए हैं। पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर और टिहरी के चंबा में ऐसा ही कमाल युवकों और ग्रामीणों ने कर दिखाया। इसकी हर लोग तारीफ कर रहे हैं।

पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिगड्डी में क्वारंटाइन किए गए प्रवासी युवकों ने बुलंद हौसलों से स्कूली बच्चों के खेलने के लिए मैदान तैयार करने का बीड़ा उठाया है। इन युवकों की क्षेत्र में जमकर सराहना हो रही है।

पंजाब से आए सिगड्डी व धाईखाल के युवकों को ग्राम पंचायत धाईखाल के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिगड्डी में क्वारंटाइन किया गया है। विद्यालय में बच्चों के खेलने के लिए कोई मैदान नहीं है। इसका पता चलने पर प्रवासी युवकों ने बच्चों के खेलने की व्यवस्था करने के लिए मैदान बनाने का बीड़ा उठा लिया।

युवक नरेंद्र सिंह, जय, गोपाल व जयपाल आदि ने क्वारंटाइन की अवधि में ग्राम प्रधान से स्कूल के समीप एक टीले को काटकर मैदान बनाने का प्रस्ताव रखा। प्रवासी युवकों की इस पेशकश को ग्राम प्रधान ने स्वीकार कर लिया और उन्हें मैदान के लिए टीले को काटने की अनुमति भी दे दी।

उपप्रधान बबीता देवी, वार्ड सदस्य बबली देवी व प्रधानाचार्य डॉ.सुरेंद्र कुमार ने इन युवकों को खुदाई के लिए औजार की व्यवस्था की। अब युवक श्रमदान कर मैदान तैयार करने में जुटे हुए हैं। ज्येष्ठ प्रमुख यमकेश्वर दिनेश भट्ट, शिक्षक महिपाल रावत आदि ग्रामीणों ने प्रवासी युवकों की इस कार्य के लिए सराहना की है।

क्वारंटाइन में थामा गैंती-फावड़ा, तैयार किया खेल मैदान

लॉकडाउन में ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर पंचायत भवनों व सरकारी स्कूलों की रंगाई-पुताई कर हालत बदलने की कई कहानियां सामने आई। बिना किसी से व्यवस्था, अव्यवस्था व परेशानियों की शिकायत किए ही यहां क्वारंटाइन किए गए युवाओं ने अपनी मेहनत से कई जगह भवनों को संवार कर मिसाल कायम की। साथ ही ग्रामीणों के दिलों में जगह बनाई। इन्हीं में से एक हैं सतवीर कोहली, जिन्होंने स्कूल के बदहाल खेल मैदान को दोबारा नौनिहालों के खेलने लायक बना दिया।

जनपद टिहरी के प्रखंड नरेंद्रनगर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कठ्या में सतवीर सिंह को क्वारंटाइन किया गया था। 28 वर्षीय सतवीर पंजाब के जालंधर शहर में एक होटल में नौकरी करते थे। कोरोना महामारी के दौर में वो भी गांव आए और उन्हें विद्यालय भवन में अकेला क्वारंटाइन कर दिया गया।

जब उन्होंने देखा कि विद्यालय का खेल मैदान काफी उबड़-खाबड़ है तो मैदान को समतल करने की ठानी। फिर रोजाना सुबह उठकर नाश्ता करने के बाद काम पर जुट जाते और गैंती, फावड़े व बेलचे से खेल मैदान का निर्माण करते। सतवीर का कहना है कि दस दिन पहले जब वह विद्यालय में क्वारंटाइन हुए थे तो सोचा भी नहीं था कि वह इस तरह का कोई काम कर पाएंगे।

फिर सोचा कि यह अच्छा मौका है गांव के स्कूल के लिए कुछ करने का। फिर क्या था वह हर रोज काम पर डटे रहते और आखिरकार उन्होंने खेल मैदान को संवारने का काम अकेले ही कर दिया। उनके इस कार्य की पूरे गांव समाज में सराहना की जा रही है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य सुनीता नेगी, ग्राम प्रधान शोभा भंडारी का कहना है कि गांव के सतवीर कोहली ने जो काम किया वह स्वयं शिक्षा विभाग के लोग भी नहीं कर पाए। उन्होंने समाज को जागरूक करने और प्रेरणा देने का काम किया। लॉकडाउन में गांव आने वाले प्रवासियों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।

कोरोना को हराने में जुटी है नपं की टीम

प्रवासियों की घर वापसी के बाद से कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए नगर पंचायत प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। नियमित रूप से नगर के विभिन्न वाडरें में सेनिटाइज किया जा रहा है। देश और प्रदेश में लगातार बढ़ते संक्रमण के अंदेशे को लेकर नगर पंचायत, बाजार में नगर की दुकानों सहित आने जाने वाले वाहनों, आवासीय भवनों, कॉलोनियों में सेनिटाइज व प्रतिदिन शाम को नगर में फॉगिंग की जा रही है। नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी ने बताया कि बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों से यमुना घाटी में संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।

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