नई दिल्ली। भारत के उत्तरी भाग में पैदा होने वाले अनार बहुत रसीले और अच्छी किस्म के होते हैं। अनार के पेड़ कई शाखाओं से युक्त लगभग 6 मीटर ऊंचे होते हैं। इसकी छाल चिकनी, पतली, पीली या गहरे भूरे रंग की होती है। इसके फल का छिलका हटाने के बाद सफेद, लाल या गुलाबी रंग के रसीले दाने होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खांसी से राहत पाने में इसके छिलके भी बहुत कारगर हैं। आइए जानते हैं किस तरह से अनार के छिलकों का किया जाए इस्तेमाल।
सेहत के लिए वरदान है नंगे पैर चलना, होते हैं ये ढेरों फायदे
1.गला खराब होने पर भी इसके छिलकों के सेवन से आराम मिलता है। उपयोग के लिये छिलकों के पाउडर को पानी में उबाल लें और इससे गरारे करें। इससे टॉनसिल के दर्द व गले की खराश में आराम होता है। खांसी का दौरा पड़ने पर अनार के छिलके को मुंह में रखकर उसे धीरे-धीरे चूसने से कुछ देर बाद से खांसी रुक जाएगी।
2. अनार के छिलकों को सुखाकर इसके पाउडर को एक गिलास पानी में मिलाकर इसके गरारे करने से दांतों संबंधी समस्याओं, मुंह के छाले और सांसों की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।
3. अनार के छिलकों को सुखाकर इसका पाउडर बनाकर इसमें गुलाब जल मिलाकर इसको फेसपैक की तरह चेहरे पर लगाने से त्वचा जवां बनी रहती है और झुर्रियों से राहत मिलती है।
4. अनार के छिलके को सुखा कर उसके पावडर को पानी के साथ रोजाना पीने से मासिक धर्म में अधिक ब्लीडिंग नहीं होती।
5. अनार के छिलको को सनस्क्रीन के तौर पर भी लगाया जा सकता है। सूखे छिलके को किसी भी तेल के साथ मिक्स कर के चेहरे पर लगाने से यह सन टैनिंग से रोकता है।
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