बड़ी खुशखबरी: खाली बोतल को रिसाइकिल करने पर यात्रियों को मिलेंगे पॉइंट्स, जिससे कर सकेंगे शॉपिंग

बड़ी खुशखबरी: खाली बोतल को रिसाइकिल करने पर यात्रियों को मिलेंगे पॉइंट्स, जिससे कर सकेंगे शॉपिंग

पानी की खाली बोतलें अब चारबाग रेलवे स्टेशन व लखनऊ जंक्शन पर ही रिसाइकिल हो सकेंगी। इसके लिए बॉटल रिसाइकिल मशीनें लगाई जाएंगी। खास बात यह है कि खाली बोतल रिसाइकिल करने वाले यात्रियों को पॉइंट्स मिलेंगे, जिससे वह मोबाइल रिचार्ज से लेकर सुपरमार्केट में खरीदारी तक कर सकता है।बड़ी खुशखबरी: खाली बोतल को रिसाइकिल करने पर यात्रियों को मिलेंगे पॉइंट्स, जिससे कर सकेंगे शॉपिंग
रेलवे स्टेशनों व ट्रेनों में बोतलबंद पानी का खासा इस्तेमाल होता है। यात्री द्वारा फेंकी गई खाली बोतलों का दुरुपयोग अवैध वेंडर करते हैं। वे इन बोतलों में नल का पानी भरकर यात्रियों को बेचते हैं। जिसके पीछे पूरा रैकेट है और गर्मियों में खासतौर पर सक्रिय रहता है। इस रैकेट में रेलवे अधिकारियों से लेकर आरपीएफ व जीआरपी तक की मिलीभगत होती है। पर, अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे।

रेलवे की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को प्रोत्साहित करने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से स्टेशनों पर बॉटल रिसाइकिलिंग मशीनें लगाई जा रही हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे से लेकर पश्चिम रेलवे तक के स्टेशनों पर इन मशीनों का इस्तेेमाल तेजी से हो रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।

मुम्बई व जयपुर रेलवे स्टेशनों की तर्ज पर ही उत्तर रेलवे के चारबाग व पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशनों पर भी इन बॉटल रिसाइकिलिंग मशीनों को लगाने की योजना है। मशीनों से यात्री खुद खाली बोतलों को रिसाइकिल कर फायदा उठा सकेंगे। इससे एक ओर पर्यावरण को फायदा पहुंचेगा तो वहीं यात्रियों को भी डिस्काउंट की सुविधा दी जा रही है।

बोतल होगी 30 सेकेंड में रिसाइकिल

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, बॉटल रिसाइकिल मशीन महज 30 सेकंड में एक बोतल को रिसाइकिल कर देगी। इसके लिए पैसेंजर को खाली बोतल को ढक्कन सहित मशीन में डालना होगा, जहां कन्वेयर के जरिए क्रशर में बोतल को नष्ट कर दिया जाएगा। जिससे प्रदूषण भी नहीं होगा। इस प्रक्रिया में आधे मिनट से अधिक नहीं लगेगा।

बॉटल रिसाइकिल मशीन में खाली बोतल को क्रश कर टुकड़ों में बदल दिया जाएगा, जिसके बाद इसे फाइबर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को दिया जाएगा। कंपनी इस रिसाइकिल प्लास्टिक से बैग व कारपेट बनाएगी। इसके अतिरिक्त फाइबर के कपड़ों का निर्माण भी कंपनी करेगी।

पैसेंजर को एक बोतल रिसाइकिल करने पर एक कूपन मिलेगा और ऐसे पांच कूपनों पर डिस्काउंट मिलेगा। यात्री के पास तीन ऑप्शन होंगे। चाहे तो वह डिस्काउंट को दान कर दे, मोबाइल रिचार्ज करवा ले या फिर इनसे सुपरमार्केट में खरीदारी में छूट ले ले। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि एक मशीन पर सात लाख रुपये खर्च आएगा।

‘पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता के प्रति उत्तर रेलवे प्रतिबद्घ है। चूंकि, मुम्बई व जयपुर में बॉटल रिसाइकिल मशीन लगी हुई हैं। उत्तर रेलवे के स्टेशनों पर भी इन्हें लगाने की प्लानिंग है। जल्द ही ये मशीनें लगाई जाएंगी जिससे रेलवे के साथ यात्रियों को भी फायदा मिलेगा।’  -नीरज शर्मा, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे

 
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