गर्मी से बेहाल लोगों ने कराई मेंढक-मेंढकी की शादी, मंदिरों में रखे नारियल

21 जून से गर्मी की विदाई और बारिश शुरू होने की तिथि मानी जाती है लेकिन अभी तक मानसून की बेरूखी से शुक्रवार को पारा 44 डिग्री के पार जाने से भीषण गर्मी ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। अब लोगों ने इंद्रदेव को मनाने के लिए कहीं मंदिरों में बारिश की मनौती के नारियल रखे जा रहे हैं तो कहीं विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों सहित मेंढक-मेंढकी का ब्याह रचाकर अच्छी बारिश की कामना की जा रही है।

पिछले कई दिनों से गर्मी कहर बरपा रही है। पिछले एक हफ्ते से तापमान लगातार 42 के पार ही बना है और सूरज की तपन कम होने के आसार ही नजर नहीं आ रहे हैं। लोग तपिश भरी धूप व गर्म हवाओं के थपेड़ों से परेशान हैं। खजुराहो मौसम केन्द्र पर शुक्रवार को अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जबकि न्यूनतम तापमान 31.6 डिसे रहा है। जो गुरुवार की तुलना में ज्यादा है।

गुरुवार को अधिकतम 42.5 डिसे व न्यूनतम 28.4 डिसे तापमान था, इसकी तुलना में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री की बढ़त और अधिकतम तापमान में 2 डिग्री की बढ़त आई है। मौसम पूरी तरह से शुष्क रहने से लोगों को घरों के बाहर सूरज की तपन और घरों व दफ्तरों के अंदर चिपचिपी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार केरल में मानसून समय से पहले पहुंच गया था, लेकिन अचानक हवाओं की दिशा विपरीत हो जाने से मानसून पश्चिम बंगाल में अटक गया है। हालांकि इन दिनों आसमान पर हल्के व कमजोर बादल छाने लगे हैं। कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ रही हैं। इस महीने के अंत तक मानसून की दस्तक का अनुमान है। बारिश न होने से अब जलस्त्रोतों में पानी तेजी से खत्म होने लगा है। गर्मी के कारण कई तरह की बीमारियां फैलने लगी हैं। ऐसे में अब परेशान लोगों ने तरह तरह से टोने-टोटकों का सहारा लेकर इंद्रदेव को मनाने के यत्न शुरू कर दिए हैं।

अच्छी बारिश के लिए रचाया मेंढक-मेंढकी का ब्याह

छतरपुर सहित पूरे प्रदेश में अच्छी वर्षा के लिए प्राचीन मान्यता के तहत शुक्रवार को राज्यमंत्री ललिता यादव ने कार्यकर्ताओं के साथ शहर के प्रसिद्ध फूलादेवी मंदिर में विधि विधान से अनुष्ठानपूर्वक मेंढक-मेंढकी की शादी कराई है। इसके बाद कन्याओं के पैर पूजन के साथ विशाल कन्या भोज कराया गया।

उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना सिंह ने भी अच्छी बारिश के लिए हनुमान मंदिरों में नारियल रखकर मनौती मांगी है। राज्यमंत्री श्रीमती यादव ने बताया कि बुंदेलखंड में टिटहरी के अण्डों से अच्छी वर्षा होने का अनुमान लगाने की प्राचीन मान्यता है, वहीं अच्छी वर्षा के लिए मेंढक-मेढकी की शादी रचाने की भी परंपरा है। उन्होंने बताया कि यह अंधविश्वास नहीं है बल्कि बुजुर्गों की मान्यता के तहत प्राकृतिक संतुलन के लिए विशेष अनुष्ठान है, जब प्रकृति रूठ जाए तो परंपरागत तरीके से ईश्वर को मनाना ही एक मात्र रास्ता बचता है।

 
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