साल में तीन नवरात्री होती है जिनमें एक गुप्त नवरात्री भी मानी जाती है. गुप्त नवरात्री आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकम तिथि से शुरू होती है. इस साल ये नवरात्री 13 जुलाई से शुरू हो रही है जिसमें पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. नवरात्री की अंतिम तिथि 21 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग, रवियोग व अमृत सिद्धि योग बन रहा है और इसी में नवरात्री का समापन हो जायेगा. तो चलिए आगे आपको बता देते हैं नवरात्री के शुभ मुहूर्त. हिन्दू शास्त्र के अनुसार इस बार नवरात्री में सभी शुभ योग बन रहे हैं और इस दौरान विशेष पूजा पाठ करने से आपको विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है. आपको बता दें गुप्त नवरात्री में माँ भगवती के गुप्त रूप यानी काली माता की पूजा की जाती है जिन्हें पूजने से आपकी मनोकामना पूरी होती है. अगर आप भी कर रहे हैं गुप्त नवरात्री में गुप्त आराधना तो बता देते हैं कौनसा समय पूजा के लिए सही रहेगा. हर दिन आप इसी शुभ समय में माँ भगवती की आराधना कर सकते हैं. सुबह 7.49 से 10.01 बजे तक दिन 2.27 से 4.44 बजे तक रात 8.36 से 10.09 बजे तक गुप्त नवरारत्रि में पूरे नौ दिन अगर आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं तो आपकी हर मनोकामना पूरी होती है. आपके जीवन में सुख समृद्धि आती है और निरोगी जीवन बनता है. अगर आपसे पाठ ना हो तो आप दुर्गा सप्तशती के श्लोक भी पढ़ सकते हैं. इन नौ दिनों तक आपको सांसारिक मोह माया से दूर रहना होगा और माँ दुर्गा की आराधना करनी होगी और दान पुण्य कर लाभ कमाएं.

गुप्त नवरात्री में करें माँ दुर्गा के गुप्त रूप की पूजा, मिलेगा विशेष फल

साल में तीन नवरात्री होती है जिनमें एक गुप्त नवरात्री भी मानी जाती है. गुप्त नवरात्री आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकम तिथि से शुरू होती है. इस साल ये नवरात्री 13 जुलाई से शुरू हो रही है जिसमें पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. नवरात्री की अंतिम तिथि 21 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग, रवियोग व अमृत सिद्धि योग बन रहा है और इसी में नवरात्री का समापन हो जायेगा. तो चलिए आगे आपको बता देते हैं नवरात्री के शुभ मुहूर्त.साल में तीन नवरात्री होती है जिनमें एक गुप्त नवरात्री भी मानी जाती है. गुप्त नवरात्री आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकम तिथि से शुरू होती है. इस साल ये नवरात्री 13 जुलाई से शुरू हो रही है जिसमें पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. नवरात्री की अंतिम तिथि 21 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग, रवियोग व अमृत सिद्धि योग बन रहा है और इसी में नवरात्री का समापन हो जायेगा. तो चलिए आगे आपको बता देते हैं नवरात्री के शुभ मुहूर्त.  हिन्दू शास्त्र के अनुसार इस बार नवरात्री में सभी शुभ योग बन रहे हैं और इस दौरान विशेष पूजा पाठ करने से आपको विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है. आपको बता दें गुप्त नवरात्री में माँ भगवती के गुप्त रूप यानी काली माता की पूजा की जाती है जिन्हें पूजने से आपकी मनोकामना पूरी होती है. अगर आप भी कर रहे हैं गुप्त नवरात्री में गुप्त आराधना तो बता देते हैं कौनसा समय पूजा के लिए सही रहेगा.     हर दिन आप इसी शुभ समय में माँ भगवती की आराधना कर सकते हैं.  सुबह 7.49 से 10.01 बजे तक दिन 2.27 से 4.44 बजे तक रात 8.36 से 10.09 बजे तक   गुप्त नवरारत्रि में पूरे नौ दिन अगर आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं तो आपकी हर मनोकामना पूरी होती है. आपके जीवन में सुख समृद्धि आती है और निरोगी जीवन बनता है. अगर आपसे पाठ ना हो तो आप दुर्गा सप्तशती के श्लोक भी पढ़ सकते हैं. इन नौ दिनों तक आपको सांसारिक मोह माया से दूर रहना होगा और माँ दुर्गा की आराधना करनी होगी और दान पुण्य कर लाभ कमाएं.

हिन्दू शास्त्र के अनुसार इस बार नवरात्री में सभी शुभ योग बन रहे हैं और इस दौरान विशेष पूजा पाठ करने से आपको विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है. आपको बता दें गुप्त नवरात्री में माँ भगवती के गुप्त रूप यानी काली माता की पूजा की जाती है जिन्हें पूजने से आपकी मनोकामना पूरी होती है. अगर आप भी कर रहे हैं गुप्त नवरात्री में गुप्त आराधना तो बता देते हैं कौनसा समय पूजा के लिए सही रहेगा.

हर दिन आप इसी शुभ समय में माँ भगवती की आराधना कर सकते हैं.

सुबह 7.49 से 10.01 बजे तक
दिन 2.27 से 4.44 बजे तक
रात 8.36 से 10.09 बजे तक 

गुप्त नवरारत्रि में पूरे नौ दिन अगर आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं तो आपकी हर मनोकामना पूरी होती है. आपके जीवन में सुख समृद्धि आती है और निरोगी जीवन बनता है. अगर आपसे पाठ ना हो तो आप दुर्गा सप्तशती के श्लोक भी पढ़ सकते हैं. इन नौ दिनों तक आपको सांसारिक मोह माया से दूर रहना होगा और माँ दुर्गा की आराधना करनी होगी और दान पुण्य कर लाभ कमाएं.

 
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