गोगा नवमी पर इस तरह करें विधिवत पूजन

जन्माष्टमी के बाद भादो के माह में गोगा नवमी का त्यौहार आता है जिसे कई राज्यों में मनाया जाता है. यह पर्व इस साल 4 सितंबर को मनाया जा रहा है. यह त्यौहार मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के अलावा राजस्थान में खासतौर पर मनाया जाता है, क्योंकि यह पर्व राजस्थान का लोकपर्व है. इसे कई जगह पर  गुग्गा नवमी के नाम से भी जाना जाता है. तो आज ये पर्व है जिसे हर महिला करती है और इसे करने से क्या होता आइये हम आपको बता देते हैं. 

आपकी जानकारी के लिए बता दें, ये दिन गोगा देव अर्थात श्री जाहरवीर के जन्मोस्तव के रूप में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. इन देव के साथ नागों की पूजा करने का भी खास महत्व है. शहत्रों में कहा जाता है गोगा देव हमारी साँपों से रक्षा करते हैं इसलिए लोग उनकी पूजा करते हैं. गोगा देव की पूजा श्रावणी पूर्णिमा से आरंभ हो जाती है तथा यह पूजा-पाठ 9 दिनों तक चलता है यानी नवमी तिथि तक गोगा देव का पूजन किया जाता है इसलिए इसे गोगा नवमी कहते हैं. 

आज है गोगा पंचमी जानें महत्व

इस तरह करें पूजन –

* गोगा नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ हो जाएं. 

* स्नान के बाद भोग के लिए खीर और चूरमा बना लें.

* महिलाएं वीर गोगाजी की मिट्टी की बनाई मूर्ति लेकर आती हैं तब इनकी पूजा होती है. इसके बाद उन्हें स्थापित करें और उनका कुमकुम अक्षत से पूजा करें. बनाये गए भोग को गोगा देव पर चढ़ा दें. 

*  रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को जो रक्षासूत्र (राखी) बांधती हैं, वह गोगा नवमी के दिन खोलकर गोगा देव को चढ़ाई जाती है. 

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