गोरखपुर घूमने आए युवक की पुलिस पिटाई से हुई मौत, SSP ने बताया हादसा

अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने आए कानपुर के मनीष की पुलिस पिटाई से मौत हो गई। साथ आए दोस्तों ने बताया कि आधी रात को चेकिंग के नाम पर कमरे में घुसी पुलिस ने उसकी पिटाई की है। हालांकि गोरखपुर एसएसपी विपिन ताडा ने इसे एक हादसा बताया। एसएसपी के मुताबिक हड़बड़ी में गिरने से चोट लगी और मौत हो गई।  वहीं रामगढ़ताल इलाके में पुलिस पिटाई से युवक की मौत के आरोप में घिरे इंस्पेक्टर जे एन सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्र और चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। संदिग्धों की चेकिंग के दौरान होटल में हुई घटना के सम्बन्ध में लापरवाही बरतने के आरोप में यह कार्रवाई हुई है। वहीं एसएसपी ने पूरे प्रकरण की किया  जांच पुलिस अधीक्षक उत्तरी को सौंपी है।

बता दें कि कानपुर के जनता नगर बर्रा निवासी मनीष प्रापर्टी का काम करते थे। सोमवार की सुबह अपने साथी  हरियाणा  गुड़गांव के हरदीप सिंह और प्रदीप के साथ बाई रोड कार से गोरखपुर पहुंचे। तमगढ़ताल इलाके में स्थित होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे थे। गोरखपुर सिकरीगंज के महादेवा बाजार के रहने वाले चंदन सैनी व अन्य ने उन्हें गोरखपुर घुमाने के लिए बुलाया था। चंदन ने बताया प्रदीप चौहान(32) और हरदीप सिंह चौहान(35) कानपुर से मनीष गुप्ता(35) के साथ आए थे। चंदन के मुताबिक सभी दोस्त रियल इस्टेट और अन्य बिजनेस से जुड़े हैं। फोन पर बात होने के दौरान वह अपने दोस्तों को हमेशा गोरखपुर में हो रहे विकास के बारे में बताता था। काफी दिनों से प्लानिंग थी कि एक बार गोरखपुर घुमने जरूर आएंगे। लॉकडाउन की वजह से पहले आ नहीं सके थे।

इस बीच तीनों की गोरखपुर घुमने की प्लानिंग बन गई। सोमवार को तीनों पहुंचे रामगढ़ताल इलाके के एलआईसी बिल्डिंग के समीप स्थित होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में उन्हें ठहराया था। सोमवार की रात करीब 12.30 बजे रामगढ़ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा के अलावा थाने की अन्य फोर्स साथ में थी। होटल के कमरे का दरवाजा नॉक कर खुलवाया। पुलिस के साथ होटल का रिशेप्शनिस्ट भी था। पुलिस वालों ने बोला कि चेकिंग हो रही है। सभी अपनी आईडी प्रूफ दिखाओ।

हरदीप ने बताया कि इन्होंने अपनी और अपने साथी प्रदीप चौहान की आईडी दिखा दी। जबकि मनीष सो रहे थे। उन्हें आईडी दिखाने के लिए नींद से जगाया। वह पुलिस वालों से बोला, इतनी रात में यह चेकिंग किस बात की हो रही है। हम लोग क्या आतंकवादी हैं? सोते हुए इंसान को आप लोग उठाकर डिस्टर्ब कर रहे हैं। इतने पर ही पुलिस वाले बौखला गए और पीटना शुरू कर दिया। हरदीप ने कहा कि हम दोनों को पीटते हुए कमरे से बाहर ले गए। कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए, वह खून से लथपथ था। इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई।

माता- पिता का इकलौता बेटा था मनीष

पुलिस वाले दोबारा आए थे ​तो सभी ने अपनी नेम प्लेट भी हटा ली थी। चंदन सैनी ने बताया कि मृतक दोस्त कानपुर का रहने वाला है। घटना की सूचना उसके परिवार को दे दी गई है। परिवार के लोग गोरखपुर पहुंच रहे हैं। मनीष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। 5 वर्ष पहले ही उसकी शादी हुई थी। परिवार में उसके बीमार पिता और पत्नी के अलावा उसका एक 4 साल का मासूम बेटा है। मां की कुछ दिनों पहले मृत्यु हो चुकी है।

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