रियासत में पहली बार पत्थरबाजी में शामिल युवाओं के खिलाफ केस वापस लेने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। ‘हीलिंग टच’ की नीति पर काम करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को बड़ा कदम उठाते हुए 744 ऐसे मामलों में शामिल 4327 युवाओं के खिलाफ मामलों की वापसी को मंजूरी दे दी।दुनिया में पेट्रोल पंप खुलने की रफ्तार हुई सबसे तेज, 6 साल में 45 % बढ़े
उन्होंने यह कदम रियासत में पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित की गई एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के बाद उठाया, जिसने बुधवार को अपनी रिपोर्ट उन्हें पेश की थी।मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 2008 से लेकर 2014 तक युवाओं के खिलाफ दर्ज हुए मामलों की समीक्षा की प्रक्रिया पर विचार किया था।
उनके सत्ता संभालने के दो महीने के भीतर ही पहले 104 मामले में शामिल 634 युवाओं के खिलाफ केस वापस लिए गए थे। लेकिन बीते साल हुई निरंतर हिंसा और अशांति की वजह से यह प्रक्रिया बाधित हुई थी। मुख्यमंत्री ने हाल ही में 2015-2017 (आज तक) के मामलों की समीक्षा के निर्देश दिए थे।
युवाओं के खिलाफ दर्ज मामलों की वापसी से मुख्यमंत्री ने इन युवाओं उनके परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बताया। कहा कि युवाओं को अपने जीवन को सुधारने का एक मौका अवश्य मिलना चाहिए था। सरकार ने इसी की कोशिश की है।
पहली बार पत्थरबाजी में शामिल युवाओं पर दर्ज मामले वापस लेकर सरकार ने उन्हें अपने जीवन का पुनर्निर्माण करने का एक और मौका दिया है। इससे निश्चित रूप से उनके परिवारों का भी भला होगा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस फैसले से रियासत में सकारात्मक और सौहार्र्दपूर्ण माहौल बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने युवाओं को रचनात्मक और सकारात्मक जीवन जीने में मदद मिलने की भी बात दोहराई।