भारत में पेट्रोल पंपों की संख्या गत छह साल में 45 फीसदी बढ़ी है। यह वृद्धि दर संभवत: दुनिया में सबसे ज्यादा है और इसका कारण यह है कि सरकारी और निजी कंपनियों में रिटेलिंग आउटलेट स्थापित करने की होड़ लगी हुई है।
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तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस प्रकोष्ठ के आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर के अंत में देश में 60,799 आउटलेट से पेट्रोल और डीजल बेचे जा रहे थे। इसके साथ भारत सिर्फ अमेरिका और चीन से ही संख्या के मामले पीछे रह गया है। तीसरे स्थान के लिए इसने 2015 में जापान को पीछे छोड़ दिया था।
2011 में देश में 41,947 आउटलेट थे, इनमें से 7.1 फीसदी या 2,983 का संचालन और स्वामित्व रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑयल जैसी निजी कंपनियों के पास था। आज निजी कंपनियों के 5,474 आउटलेट हैं, जो संपूर्ण आउटलेट का नौ फीसदी है। निजी क्षेत्र में एस्सार के सर्वाधिक 3,980 आउटलट हैं। सरकारी कंपनियों में इंडियन ऑयल कारपोरेशन के हाथ में 26,489 पेट्रोल पंपों का स्वामित्व और संचालन है।
अमेरिका और चीन में करीब एक लाख पेट्रोल पंप (प्रत्येक) हैं। ईलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर के कारण कई देशों में पेट्रोल पंपों की संख्या घटी है। भारत में हालांकि इसकी संख्या बढ़ी है। भारत में तेल की खपत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है। अप्रैल-अक्तूबर 2017 में देश में ईंधन खपत 9.5 फीसदी बढ़ी है।
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