चीन की चाल से चौंकन्‍ना हुआ भारत, बीजिंग के प्रभुत्‍व वाले RCEP से मोदी ने किया किनारा, जानें इसके प्रमुख कारण

भारत ने चीन के प्रभुत्‍व वाले आरसीइपी यानी रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले ने सबकों चौंका दिया। हालांकि, मोदी सरकार का कहना है कि देश हित के चलते आरसीइपी में शामिल नहीं होने का फैसला लिया गया है। भारत सरकार का साफ कहना है कि आरसीइपी के कुछ पहलुओं को लेकर चिंता व्‍यक्‍त की गई थी। इसके कुछ प्रावधान अस्‍पष्‍ट थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अपनी आत्‍मा की आवाज का फैसला बताया। आखिर मोदी के इस आत्‍मा की आवाज के पीछे क्‍या हैं बड़े कारण ? क्‍या है पीएम मोदी का एजेंडा ? किसान और कारोबारी संगठन की क्‍या है बड़ी चिंता ? क्‍या है आरसीइपी ?

भारत के घरेलू उत्‍पाद पर गंभीर प्रभाव

प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि आरसीइपी में शामिल होना भारत के किसानों के लिए खासकर भारत के छोटे व्‍यापारियों के लिए बड़े  संकट का विषय बन सकता था। इस समझोते के विनाशकारी परिणाम होते। इस समझौते के बाद नारियल, काली मिर्च, रबड़, गेहूं और तिलहन के दाम गिर जाने का खतरा था। इससे छोटे व्‍यापारियों का धंधा चौपट होने का खतरा था। न्‍यूजीलैंड से दूध के पाउडर के आयात के चलते भारत का दुग्‍ध उद्योग चौपट हो जाता।

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