अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर से ट्रेड वॉर की संभावनाएं नजर आने लगी हैं। दरअसल, चीन के सरकारी मीडिया ने अमेरिका की उस घोषणा की निंदा की है जिसमें कहा गया है कि अमेरिका में चीनी कंपनियों द्वारा निवेश पर प्रतिबंधों को बढ़ाया जाएगा। मीडिया ने इसके साथ ही धमकीभरे अंदाज में कहा है कि अगर वाशिंगटन ट्रेड वॉर शुरू करने पर तुला है तो बीजिंग इससे लड़ने के लिए तैयार है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार को कहा था कि जब तक बीजिंग अमेरिकी बौद्धिक संपदा की चोरी बंद नहीं करता है, चीन पर 50 अरब डॉलर के आयात पर टैरिफ लगाने की प्रक्रिया जारी रहेगी। बता दें कि इसके पहले इस महीने के शुरुआत में दोनों पक्षों के बीच अमेरिका-चीन व्यापार पर कुछ समझौते किये गए थे, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका के साथ चीन के 375 अरब डॉलर के व्यापार पर टैरिफ नहीं लगाया जाएगा। इसी पर चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने बीती रात एक संक्षिप्त बयान जारी कर अमेरिका के इस घोषणा को आश्चर्यजनक बताया, और कहा कि ये समझौते के बिल्कुल विपरित है। चीन ने कहा कि अगर अमेरिका गेम खेलना चाह रहा है तो हम इस गेम को अंतिम समय तक खेल सकते हैं। जबकि इस पूरे मामले पर चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भी टिप्पणी कर कहा कि अमेरिका भ्रम में जी रहा है। चीन राज्य समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि चीन ने उम्मीद की थी कि अमेरिका भड़कावपूर्ण कार्य नहीं करेगा लेकिन वह अपने हितों की रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार है। एक टिप्पणी में कहा गया कि चीन की हमेशा से एक ही नीति है कि: हम लड़ना नहीं चाहते हैं, लेकिन हम लड़ने से डरते भी नहीं हैं।" चीन ने आगे कहा कि, "चीन अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ व्यावहारिक परामर्श जारी रखेगा और उम्मीद करेगा कि वह भी संयुक्त समझौते के अनुसार कार्य करे।" अमेरिकी वाणिज्य सचिव रॉस 2 जून से 4 जून तक बीजिंग के दौरे पर जायेंगे जहां अतिरिक्त अमेरिकी निर्यात के लिए चीन के साथ वार्ता करेंगे। वीजा की अवधि कम करने की अमेरिकी योजना 'अमेरिका के साथ चीन के व्यापार टैरिफ को कम करने का सौदा चीन के द्वारा अमेरिकी बौद्धिक संपदा की कथित चोरी से अलग था।' व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने मंगलवार को ये बातें कही। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा बौद्धिक संपदा चोरी को रोकने के लिए एक रणनीति के तहत कुछ चीनी नागरिकों को जारी किए जाने वाले वीजा की अवधि को कम करने की योजना बना रही है। दिसंबर में ट्रम्प प्रशासन द्वारा जारी किए गए दस्तावेज का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी सरकार कुछ देशों के विज्ञान और प्रौद्योगिकी छात्रों के लिए वीजा पर प्रतिबंधों पर विचार करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि "बौद्धिक संपदा हमारे प्रतिस्पर्धियों को हस्तांतरित नहीं किया जा सके।"

चीन ने दी धमकी, कहा- अगर US ट्रेड वॉर शुरू करना चाहता है तो हम भी तैयार

अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर से ट्रेड वॉर की संभावनाएं नजर आने लगी हैं। दरअसल, चीन के सरकारी मीडिया ने अमेरिका की उस घोषणा की निंदा की है जिसमें कहा गया है कि अमेरिका में चीनी कंपनियों द्वारा निवेश पर प्रतिबंधों को बढ़ाया जाएगा। मीडिया ने इसके साथ ही धमकीभरे अंदाज में कहा है कि अगर वाशिंगटन ट्रेड वॉर शुरू करने पर तुला है तो बीजिंग इससे लड़ने के लिए तैयार है।अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर से ट्रेड वॉर की संभावनाएं नजर आने लगी हैं। दरअसल, चीन के सरकारी मीडिया ने अमेरिका की उस घोषणा की निंदा की है जिसमें कहा गया है कि अमेरिका में चीनी कंपनियों द्वारा निवेश पर प्रतिबंधों को बढ़ाया जाएगा। मीडिया ने इसके साथ ही धमकीभरे अंदाज में कहा है कि अगर वाशिंगटन ट्रेड वॉर शुरू करने पर तुला है तो बीजिंग इससे लड़ने के लिए तैयार है।  संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार को कहा था कि जब तक बीजिंग अमेरिकी बौद्धिक संपदा की चोरी बंद नहीं करता है, चीन पर 50 अरब डॉलर के आयात पर टैरिफ लगाने की प्रक्रिया जारी रहेगी। बता दें कि इसके पहले इस महीने के शुरुआत में दोनों पक्षों के बीच अमेरिका-चीन व्यापार पर कुछ समझौते किये गए थे, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका के साथ चीन के 375 अरब डॉलर के व्यापार पर टैरिफ नहीं लगाया जाएगा।  इसी पर चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने बीती रात एक संक्षिप्त बयान जारी कर अमेरिका के इस घोषणा को आश्चर्यजनक बताया, और कहा कि ये समझौते के बिल्कुल विपरित है। चीन ने कहा कि अगर अमेरिका गेम खेलना चाह रहा है तो हम इस गेम को अंतिम समय तक खेल सकते हैं। जबकि इस पूरे मामले पर चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भी टिप्पणी कर कहा कि अमेरिका भ्रम में जी रहा है।  चीन राज्य समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि चीन ने उम्मीद की थी कि अमेरिका भड़कावपूर्ण कार्य नहीं करेगा लेकिन वह अपने हितों की रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार है। एक टिप्पणी में कहा गया कि चीन की हमेशा से एक ही नीति है कि: हम लड़ना नहीं चाहते हैं, लेकिन हम लड़ने से डरते भी नहीं हैं।"  चीन ने आगे कहा कि, "चीन अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ व्यावहारिक परामर्श जारी रखेगा और उम्मीद करेगा कि वह भी संयुक्त समझौते के अनुसार कार्य करे।" अमेरिकी वाणिज्य सचिव रॉस 2 जून से 4 जून तक बीजिंग के दौरे पर जायेंगे जहां अतिरिक्त अमेरिकी निर्यात के लिए चीन के साथ वार्ता करेंगे।  वीजा की अवधि कम करने की अमेरिकी योजना  'अमेरिका के साथ चीन के व्यापार टैरिफ को कम करने का सौदा चीन के द्वारा अमेरिकी बौद्धिक संपदा की कथित चोरी से अलग था।' व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने मंगलवार को ये बातें कही। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा बौद्धिक संपदा चोरी को रोकने के लिए एक रणनीति के तहत कुछ चीनी नागरिकों को जारी किए जाने वाले वीजा की अवधि को कम करने की योजना बना रही है।  दिसंबर में ट्रम्प प्रशासन द्वारा जारी किए गए दस्तावेज का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी सरकार कुछ देशों के विज्ञान और प्रौद्योगिकी छात्रों के लिए वीजा पर प्रतिबंधों पर विचार करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि "बौद्धिक संपदा हमारे प्रतिस्पर्धियों को हस्तांतरित नहीं किया जा सके।"

संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार को कहा था कि जब तक बीजिंग अमेरिकी बौद्धिक संपदा की चोरी बंद नहीं करता है, चीन पर 50 अरब डॉलर के आयात पर टैरिफ लगाने की प्रक्रिया जारी रहेगी। बता दें कि इसके पहले इस महीने के शुरुआत में दोनों पक्षों के बीच अमेरिका-चीन व्यापार पर कुछ समझौते किये गए थे, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका के साथ चीन के 375 अरब डॉलर के व्यापार पर टैरिफ नहीं लगाया जाएगा।

इसी पर चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने बीती रात एक संक्षिप्त बयान जारी कर अमेरिका के इस घोषणा को आश्चर्यजनक बताया, और कहा कि ये समझौते के बिल्कुल विपरित है। चीन ने कहा कि अगर अमेरिका गेम खेलना चाह रहा है तो हम इस गेम को अंतिम समय तक खेल सकते हैं। जबकि इस पूरे मामले पर चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भी टिप्पणी कर कहा कि अमेरिका भ्रम में जी रहा है।

चीन राज्य समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि चीन ने उम्मीद की थी कि अमेरिका भड़कावपूर्ण कार्य नहीं करेगा लेकिन वह अपने हितों की रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार है। एक टिप्पणी में कहा गया कि चीन की हमेशा से एक ही नीति है कि: हम लड़ना नहीं चाहते हैं, लेकिन हम लड़ने से डरते भी नहीं हैं।”

चीन ने आगे कहा कि, “चीन अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ व्यावहारिक परामर्श जारी रखेगा और उम्मीद करेगा कि वह भी संयुक्त समझौते के अनुसार कार्य करे।” अमेरिकी वाणिज्य सचिव रॉस 2 जून से 4 जून तक बीजिंग के दौरे पर जायेंगे जहां अतिरिक्त अमेरिकी निर्यात के लिए चीन के साथ वार्ता करेंगे।

वीजा की अवधि कम करने की अमेरिकी योजना

‘अमेरिका के साथ चीन के व्यापार टैरिफ को कम करने का सौदा चीन के द्वारा अमेरिकी बौद्धिक संपदा की कथित चोरी से अलग था।’ व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने मंगलवार को ये बातें कही। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा बौद्धिक संपदा चोरी को रोकने के लिए एक रणनीति के तहत कुछ चीनी नागरिकों को जारी किए जाने वाले वीजा की अवधि को कम करने की योजना बना रही है।

दिसंबर में ट्रम्प प्रशासन द्वारा जारी किए गए दस्तावेज का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी सरकार कुछ देशों के विज्ञान और प्रौद्योगिकी छात्रों के लिए वीजा पर प्रतिबंधों पर विचार करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि “बौद्धिक संपदा हमारे प्रतिस्पर्धियों को हस्तांतरित नहीं किया जा सके।”

 
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