नई दिल्ली: पाकिस्तान में बुधवार को हुए आम चुनाव की मतगणना में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की. यह पार्टी क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की है, जिनकी लोकप्रियता के सामने पाकिस्तान में कोई दूसरा व्यक्ति नहीं टिक सकता. इमरान एक सफल कप्तान के साथ एक लीडर, प्लेब्वॉय और अब राजनीति के अखाड़े में एक सफल नेता के रूप में भी उभरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. लेकिन पाकिस्तान का ये क्रिकेटर राजनीति में तो कमाल कर गया. लेकिन भारत के कई क्रिकेटर्स ऐसे रहें जिनका पिच से राजनीति तक का सफर उतना शानदार नहीं रहा और वो पूरी तरह से असफल रहे. तो चलिए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ क्रिकेटर्स पर. चेतन चौहान खेल को अलविदा कहने के बाद राजनीतिक पारी शुरू की थी. 1981 में अर्जुन पुरस्कार जीतने वाले चेतन ने बीजेपी का दामन थामा और वर्तमान में यूपी के अमरोहा से सांसद हैं. नवजोत सिंह सिद्धू एक जमाने में बेखौफ होकर खेलने वाले क्रिकेटर और फिर कमेंटेटर, कॉमेडी शो के जज और फिर राजनीति के अखाड़े में उतरने वाले नवजोत सिंह सिद्धू का राजनैतिक सफर भी शानदार रहा, लेकिन इमरान जैसी ऊंचाई छूने में वक्त लगेगा. इंटरनेशनल क्रिकेट में 7,000 से ज्यादा रन बनाने वाले सिद्धू ने 2004 में राजनीति में कदम रखा और बीजेपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव भी जीता. बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सिद्धू ने बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया. सचिन तेंदुलकर क्रिकेट में खूब नाम कमाने वाले और मास्टर ब्लास्टर का टैगलाइन पाने वाले सचिन तेंदुलकर ने रिटायरमेंट के बाद राजनीति में कदम रखा. सचिन राज्य सभा के सदस्य रहे. उन्हें साल 2012 में राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था. मोहम्मद अजहरुद्दीन कभी अपने प्लेब्वॉय अंदाज से मशहूर और भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक मोहम्मद अजहरुद्दीन को मैच फिक्सिंग के आरोपों की वजह से आजीवन प्रतिबंध का सामना करना पड़ा था. जिसने उनके जीवन पर ब्रेक लगा दिया. अजहर ने कांग्रेस की टिकट से राजनीति के मैदान पर कदम रखा और यूपी के मुरादाबाद से लोकसभा का चुनाव बड़े अंतर से जीता था. हालांकि 2014 आम चुनावों में 'मोदी लहर' के बीच वह भी अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं रहे. मोहम्मद कैफ कैफ अपने करियर में अपनी फील्डिंग की वजह से ज्यादा जाने गए. कैफ का टेस्ट करियर 2000 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ शुरू हुआ था. 2014 में कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद के फूलपुर से चुनाव लड़े लेकिन केशव प्रसाद मौर्या से हार गए. जमानत भी जब्त हो गई. फिलहाल वो क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं. कीर्ति आजाद कीर्तिवर्धन भगवत झा आज़ाद अपने समय में एग्रेसिव बैट्समैन थे और ऑफ़-स्पिनर थे. 1983 की वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में थे. बिहार के पूर्व सीएम भगवत झा आज़ाद के बेटे हैं. लोकसभा में तीसरी बार चुने गए हैं. कीर्ति आज़ाद दिल्ली की गोल मार्केट विधानसभा से विधायक रहे हैं.

जब इमरान खान की तरह राजनीति की पिच पर नहीं चमक पाए ये भारतीय क्रिकेटर्स

 पाकिस्तान में बुधवार को हुए आम चुनाव की मतगणना में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की. यह पार्टी क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की है, जिनकी लोकप्रियता के सामने पाकिस्तान में कोई दूसरा व्यक्ति नहीं टिक सकता. इमरान एक सफल कप्तान के साथ एक लीडर, प्लेब्वॉय और अब राजनीति के अखाड़े में एक सफल नेता के रूप में भी उभरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. लेकिन पाकिस्तान का ये क्रिकेटर राजनीति में तो कमाल कर गया. लेकिन भारत के कई क्रिकेटर्स ऐसे रहें जिनका पिच से राजनीति तक का सफर उतना शानदार नहीं रहा और वो पूरी तरह से असफल रहे. तो चलिए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ क्रिकेटर्स पर.नई दिल्ली: पाकिस्तान में बुधवार को हुए आम चुनाव की मतगणना में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की. यह पार्टी क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की है, जिनकी लोकप्रियता के सामने पाकिस्तान में कोई दूसरा व्यक्ति नहीं टिक सकता. इमरान एक सफल कप्तान के साथ एक लीडर, प्लेब्वॉय और अब राजनीति के अखाड़े में एक सफल नेता के रूप में भी उभरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. लेकिन पाकिस्तान का ये क्रिकेटर राजनीति में तो कमाल कर गया. लेकिन भारत के कई क्रिकेटर्स ऐसे रहें जिनका पिच से राजनीति तक का सफर उतना शानदार नहीं रहा और वो पूरी तरह से असफल रहे. तो चलिए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ क्रिकेटर्स पर.   चेतन चौहान      खेल को अलविदा कहने के बाद राजनीतिक पारी शुरू की थी. 1981 में अर्जुन पुरस्कार जीतने वाले चेतन ने बीजेपी का दामन थामा और वर्तमान में यूपी के अमरोहा से सांसद हैं.   नवजोत सिंह सिद्धू      एक जमाने में बेखौफ होकर खेलने वाले क्रिकेटर और फिर कमेंटेटर, कॉमेडी शो के जज और फिर राजनीति के अखाड़े में उतरने वाले नवजोत सिंह सिद्धू का राजनैतिक सफर भी शानदार रहा, लेकिन इमरान जैसी ऊंचाई छूने में वक्त लगेगा. इंटरनेशनल क्रिकेट में 7,000 से ज्यादा रन बनाने वाले सिद्धू ने 2004 में राजनीति में कदम रखा और बीजेपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव भी जीता. बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सिद्धू ने बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया.   सचिन तेंदुलकर      क्रिकेट में खूब नाम कमाने वाले और मास्टर ब्लास्टर का टैगलाइन पाने वाले सचिन तेंदुलकर ने रिटायरमेंट के बाद राजनीति में कदम रखा. सचिन राज्य सभा के सदस्य रहे.  उन्हें साल 2012 में राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था.   मोहम्मद अजहरुद्दीन      कभी अपने प्लेब्वॉय अंदाज से मशहूर और भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक मोहम्मद अजहरुद्दीन को मैच फिक्सिंग के आरोपों की वजह से आजीवन प्रतिबंध का सामना करना पड़ा था. जिसने उनके जीवन पर ब्रेक लगा दिया. अजहर ने कांग्रेस की टिकट से राजनीति के मैदान पर कदम रखा और यूपी के मुरादाबाद से लोकसभा का चुनाव बड़े अंतर से जीता था. हालांकि 2014 आम चुनावों में 'मोदी लहर' के बीच वह भी अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं रहे.   मोहम्मद कैफ      कैफ अपने करियर में अपनी फील्डिंग की वजह से ज्यादा जाने गए. कैफ का टेस्ट करियर 2000 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ शुरू हुआ था. 2014 में कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद के फूलपुर से चुनाव लड़े लेकिन केशव प्रसाद मौर्या से हार गए. जमानत भी जब्त हो गई. फिलहाल वो क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं.   कीर्ति आजाद      कीर्तिवर्धन भगवत झा आज़ाद अपने समय में एग्रेसिव बैट्समैन थे और ऑफ़-स्पिनर थे. 1983 की वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में थे. बिहार के पूर्व सीएम भगवत झा आज़ाद के बेटे हैं. लोकसभा में तीसरी बार चुने गए हैं. कीर्ति आज़ाद दिल्ली की गोल मार्केट विधानसभा से विधायक रहे हैं.

चेतन चौहान

खेल को अलविदा कहने के बाद राजनीतिक पारी शुरू की थी. 1981 में अर्जुन पुरस्कार जीतने वाले चेतन ने बीजेपी का दामन थामा और वर्तमान में यूपी के अमरोहा से सांसद हैं.

नवजोत सिंह सिद्धू

एक जमाने में बेखौफ होकर खेलने वाले क्रिकेटर और फिर कमेंटेटर, कॉमेडी शो के जज और फिर राजनीति के अखाड़े में उतरने वाले नवजोत सिंह सिद्धू का राजनैतिक सफर भी शानदार रहा, लेकिन इमरान जैसी ऊंचाई छूने में वक्त लगेगा. इंटरनेशनल क्रिकेट में 7,000 से ज्यादा रन बनाने वाले सिद्धू ने 2004 में राजनीति में कदम रखा और बीजेपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव भी जीता. बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सिद्धू ने बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया.

सचिन तेंदुलकर

क्रिकेट में खूब नाम कमाने वाले और मास्टर ब्लास्टर का टैगलाइन पाने वाले सचिन तेंदुलकर ने रिटायरमेंट के बाद राजनीति में कदम रखा. सचिन राज्य सभा के सदस्य रहे.  उन्हें साल 2012 में राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था.

मोहम्मद अजहरुद्दीन

कभी अपने प्लेब्वॉय अंदाज से मशहूर और भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक मोहम्मद अजहरुद्दीन को मैच फिक्सिंग के आरोपों की वजह से आजीवन प्रतिबंध का सामना करना पड़ा था. जिसने उनके जीवन पर ब्रेक लगा दिया. अजहर ने कांग्रेस की टिकट से राजनीति के मैदान पर कदम रखा और यूपी के मुरादाबाद से लोकसभा का चुनाव बड़े अंतर से जीता था. हालांकि 2014 आम चुनावों में ‘मोदी लहर’ के बीच वह भी अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं रहे.

मोहम्मद कैफ

कैफ अपने करियर में अपनी फील्डिंग की वजह से ज्यादा जाने गए. कैफ का टेस्ट करियर 2000 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ शुरू हुआ था. 2014 में कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद के फूलपुर से चुनाव लड़े लेकिन केशव प्रसाद मौर्या से हार गए. जमानत भी जब्त हो गई. फिलहाल वो क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं.

कीर्ति आजाद

कीर्तिवर्धन भगवत झा आज़ाद अपने समय में एग्रेसिव बैट्समैन थे और ऑफ़-स्पिनर थे. 1983 की वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में थे. बिहार के पूर्व सीएम भगवत झा आज़ाद के बेटे हैं. लोकसभा में तीसरी बार चुने गए हैं. कीर्ति आज़ाद दिल्ली की गोल मार्केट विधानसभा से विधायक रहे हैं.

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