जब तक नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक किसान डटे रहेंगे : पंजाबी गायक बब्बू मान

आंदोलनकारी किसान पीछे हटने को राजी नहीं हैं। सरकार अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। इस बीच आंदोलन में भीड़ के नरम-गरम हालात को लेकर किसान नेता सक्रिय हो गए हैं। वे आंदोलन को रफ्तार देने में जुट गए हैं। दिल्ली की सीमाओं पर फिर से भीड़ जुटे इसके लिए किसान नेता और उनके समर्थक निकल पड़े हैं। 18 फरवरी को रेल रोकने के एलान के बाद दिल्ली की तीनों सीमाओं पर भीड़ को बढ़ाने के जतन हो रहे हैं।

गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह से ही किसानों के बीच प्रसिद्ध पंजाबी गायक बब्बू मान के पहुंचने की चर्चा थी। इसे देखते हुए मंच के आसपास सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था। किसानों की आंखों में बब्बू मान की एक झलक पाने की उम्मीद साफ नजर आ रही थी। दोपहर में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत भी सभी बैठकों को खत्म कर मंच पर पहुंचे। कुछ देर बाद बब्बू मान अपनी सफेद कार से मंच तक पहुंचे। मंच पर अन्य दिनों के मुकाबले भीड़ कम थी, लेकिन मान के पहुंचते ही मंच की ओर भीड़ बढ़नी शुरू हो गई। खासकर, बच्चों और युवाओं में मान को देखने और सुनने का उत्साह था।

इस बीच किसानों ने नारे लगाकर टिकैत और बब्बू मान का स्वागत किया। मंच पर बब्बू मान ने जैसे ही माइक संभाला तो आसपास के माहौल में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी। किसानों के साथ बब्बू मान को देखने के लिए पहुंचे अन्य लोगों ने भी जोरदार नारे लगाकर उत्साह बढ़ाया। इस बीच लोगों ने बब्बू मान से गीत सुनाने की भी अपील की। मान ने अपने कुछ प्रमुख गीतों को सुनाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक किसान डटे रहेंगे। यदि कोई किसान को मारे तो उसे खाना खिलाकर शर्मिंदा किया जाए, जिससे उसे अपने किए पर पछतावा हो। सरकार अब किसान और मजदूर के हिसाब से चलेगी।

उन्होंने भाईचारे का संदेश देते हुए जाट और जट को भाई-भाई बताया। उन्होंने कहा कि एक आंसू ने आंदोलन की पूरी बाजी पलट दी है। किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण होना चाहिए, अनुशासनहीनता से काम नहीं चलेगा।

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को भ्रम है कि किसान गर्मी में चले जाएंगे, लेकिन यह आंदोलन अक्तूबर के बाद भी चल सकता है। इसके लिए किसान पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने बताया कि एक-दो दिन में गाजीपुर बॉर्डर पर किसान क्रांति पार्क का भी निर्माण किया जाएगा। इसमें भारतीय किसान यूनियन का झंडा भी लगेगा। यदि सरकार हमें बिजली का मीटर उपलब्ध नहीं कराएगी तो यहां जनरेटर चलाएंगे और आने वाली गर्मी में सभी संसाधन जनरेटर की मदद से चलेंगे। उन्होंने किसानों से एक सप्ताह की आंदोलन रणनीति का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जो भी किसान एक सप्ताह पहले आएगा वह कम से कम एक सप्ताह आंदोलन का हिस्सा बनकर जाएगा। इसके बाद वह अपने घर जा सकता है। इसके बदले में अन्य किसान आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने किसानों से कार से न आने की अपील करते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली से आने की अपील की।

सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों के लिए न केवल आंदोलन स्थल बल्कि आसपास की सड़कों पर दोनों तरफ दुकानों का जमावड़ा हो गया है। बैरिकेडिंग से आवाजाही में किसानों को दिक्कत न हो, इसलिए आसपास की सड़कें ग्रामीण बाजार की शक्ल ले चुकी हैं। जरूरत की हर चीज आंदोलन समर्थकों के लिए बेची जा रही हैं।
मंच से नीचे उतरकर जैसे ही गाड़ी पर भाकियू नेता राकेश टिकैत आगे बढ़ने लगे तो उनके साथ-साथ युवाओं की भारी भीड़ वाहन के चारों तरफ से सेल्फी लेने के लिए टूट पड़ी। टिकैत ने कहा कि आगे संबोधित भी करेंगे, लेकिन उनकी मौजूदगी को देखकर ऐसा लगा कि आंदोलन को फिर नई रफ्तार देने की किसान नेताओं ने तैयारी कर ली है। युवाओं के हाथों में टिकैत के कटआउट्स थे। वाहनों पर पोस्टर और बैज भी लगे थे। मंच पर क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह, बब्बू मान समेत 20 से अधिक गायक और कलाकारों ने भी आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए सभी से एकजुट होने की अपील की।आंदोलन स्थल पर हर तरफ घोड़े पर निहंग तो कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर अलग-अलग संगठनों की तरफ से विरोध किया जा रहा था। पहले की अपेक्षा सिंघु बॉर्डर पर ट्रैक्टर-ट्रॉली की संख्या कम हुई है, लेकिन किसानों का कहना है कि जितनी संख्या में किसान जाते हैं, गांवों से उससे कहीं अधिक पहुुंच भी रहे हैं।
वहीं, बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की वजह से सिंघु गांव की तरफ जाने वालों को लंबी छलांग लगाकर गांव में प्रवेश मिल सका। इसके बाद भी टैक्सी, ऑटो तक पहुंचने के बाद काफी मशक्कत का सामना करने के बाद आंदोलन स्थल पर पहुंचने का मौका मिला।

आंदोलन स्थल से मालिश करने वाले और जिम की सुविधा फिलहाल हटाई गई। लेकिन कई युवक वहां जॉगिंग करते नजर आए। जरूरी सामान के साथ साथ सन ग्लास, परफ्यूम और घड़ी की भी दुकानें सजी रहीं। आंदोलनरत किसानों के कानों की सफाई, जूतों पर पॉलिश करने समेत तमाम सुविधाएं पहले की तरह ही हैं।

किसान अपने मोर्चे को बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं। प्रदर्शन स्थलों पर उतनी भीड़ नहीं है, जितना पहले हुआ करती थी। यहां से अब बड़ी संख्या में किसान वापस जा चुके हैं। रोजाना जो लोग यहां पर किसान आंदोलन के समर्थन में आते हैं वह देर शाम तक अपने घर लौट जाते हैं। जिसके बाद यहां ट्रालियों और तंबुओं में गिने चुने लोग ही बचते हैं।

टीकरी बॉर्डर पर अब केवल दो लंगर चल रहे हैं, वहां भी खाने वालों की संख्या बेहद कम होती है। दोपहर में हरियाणा-पंजाब एकता के लंगर पर गिनकर केवल पांच लोग खाने वाले दिखे। यहां पर कुछ किसान हुक्का गुड़गुड़ाते और ताश के पत्ते खेलकर समय काटते नजर आए। यहां पर जूते पॉलिश करने, बाल काटने के लिये पहले जिस तरह नि:स्वार्थ सेवाएं चल रही थीं, अब यह सब बंद नजर आईं। संयुक्त किसान मोर्चा के मंच के विपरीत सड़क पर दूसरा लंगर चलता नजर आया। यहां भी मुश्किल से 10 लोग खाने वाले थे।

आज यहां पर लोगों को पूरी और सब्जी खिलाई जा रही थी। पहले यहां पर लाइन लगा करती थी। उधऱ संयुक्त किसान मोर्चा के मंच के सामने कम भीड़ नजर आई। कई किसान सामने बिछी दरी पर सोते नजर आए। बहादुरगढ़ की तरफ बढ़कर यहां से आगे किसानों के हालात जानने की कोशिश की गई तो पता चला सड़क किनारे स्थापित ज्यादातर पंडाल खाली पड़े हैं। सड़क किनारे रखी वाशिंग मशीनों पर कपड़े धोने वाला कोई नहीं दिखा। अमूमन यहां पर कपड़ों की धुलाई होती रहती थी। आगे बढ़े तो देखा कि किसी-किसी ट्रॉली में लोग थे, वर्ना ज्यादातर लोग मंच के सामने ही जाकर बैठे हुए थे। फिलहाल लोगों के आने-जाने का सिलसिला लगातार जारी था। एक ट्राली बुजुर्ग महिलाओं से पूरी भरी हुई थी और वापस जा रही थी। सभी रोहतक जिले के टोटोली गांव से आए हुए थे और अब घर लौट रहे थे।

प्रदेश भाजपा एक बार फिर किसानों को साधने में जुट गई है। इसके तहत किसानों से आत्मनिर्भर बजट पर दूध-जलेबी के साथ चर्चा की जाएगी। चाय पर चर्चा कार्यक्रम की तर्ज पर यह आयोजन होगा। इस दौरान बजट में किसानों के लिए किए गए प्रावधानों की जानकारी दी जाएगी।

प्रदेश भाजपा कार्यालय में बृहस्पतिवार को किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर, राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता सुंधाशु त्रिवेदी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सेहरावत होंगे। सेहरावत ने बताया कि दूध-जलेबी पर होने वाले इस अनूठे सम्मेलन में दिल्ली के सभी गांवों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बजट में केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में लागू की गई योजनाओं से किसानों की आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। चाहे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो, किसान सम्मान निधि योजना या मिट्टी जांच कार्ड के तहत करोड़ों किसानों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।

भाजपा नेताओं का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार के दिल में गांव और किसान हैं। सरकार किसानों के हित मे हरसंभव काम करने मे जुटी है। सरकार का लक्ष्य किसानों की आय दोगुना करना है, जिसके चलते फसलों की खरीद में लगातार वृद्धि हो रही है व नए मार्केट खोले जाने के कदम उठाए जा रहे हैं।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई सामाजिक कार्यकर्ता नौदीप कौर का केस दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी लड़ेगी। नौदीप कोर को सोनीपत से गिरफ्तार कर करनाल जेल में बंद किया गया है।

सिरसा ने बताया कि दिल्ली प्रबंधक कमेटी के वकील हरिंदर बैंस ने नौदीप कोर से जेल में मुलाकात की और उनसे वकालतनामा पर हस्ताक्षर कराया। नौदीप के परिवार वालों से भी इस संबंध में बातचीत हो गई है। उन्हें जल्दी से जल्दी जमानत दिलाने की कोशिश की जाएगी। वकील हरिंदर बैंस, जतिंद्र कुमार, मनविंदर सिंह बिश्नोई व पवन दीप सिंह की टीम जमानत दिलाने का प्रयास करेगी। कौर पर तीन केस दर्ज हैं, जिनमें से दो नए और एक पुराना है। एक केस में उनकी जमानत सोनीपत अदालत ने रद्द कर दी है।

सिरसा ने यह भी बताया कि प्रबंधक कमेटी ने किसान आंदोलन के दौरान जिन लोगों को लीगल नोटिस मिले हैं उनकी कानूनी सहायता के लिए लीगल टीम तैनात कर दी है। यह टीम प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 5 बजे तक गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब परिसर में बने कमेटी के ऑफिस में लोगों के लिए उपलब्ध रहेगी।

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