गौरतलब है कि 2015 में चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के बीच गठबंधन हुआ था जिक्से बाद पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती ने यहाँ पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जम्मू कश्मीर में 6 साल का इस सरकार का कार्यकाल हालाँकि 2021 में समाप्त होने वाला था लेकिन बीजेपी ने पीडीपी से किनारा कर लिया जिसके बाद यहाँ पर राज्यपाल शासन लगा हुआ है.

जम्मू-कश्मीर: हालातों पर काबू के लिए राज्यपाल ने बुलाई आपातकालीन बैठक

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन टूटने के बाद राज्य के हालात अभी काफी बुरे दौर में है. सरकार टूटने के बाद यहाँ पर विपक्ष में बैठी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने फिर चुनाव कराने के मांग की है. वहीं जम्मू कश्मीर में राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू कश्मीर में सभी दलों की एक बैठक बुलाई है, इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालातों और आने वाले दिनों के बारे में चर्चा की जाएगी. गौरतलब है कि 2015 में चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के बीच गठबंधन हुआ था जिक्से बाद पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती ने यहाँ पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जम्मू कश्मीर में 6 साल का इस सरकार का कार्यकाल हालाँकि 2021 में समाप्त होने वाला था लेकिन बीजेपी ने पीडीपी से किनारा कर लिया जिसके बाद यहाँ पर राज्यपाल शासन लगा हुआ है.

बता दें, एनएन वोहरा ने इस बैठक में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के सभी नेताओं को बुलाया है. वहीं इस बैठक में मुख्य रूप से कश्मीर में शांति के लिए कैसे काम किया जाए इस पर चर्चा होना संभव है. वहीं इस बीच रमजान खत्म होने के बाद घाटी में संघर्ष विराम को भी केंद्र सरकार ने तोड़ दिया है, जिसके बाद घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ सेना की मुहीम और तेज हो गई है. 

गौरतलब है कि 2015 में चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के बीच गठबंधन हुआ था जिक्से बाद पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती ने यहाँ पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जम्मू कश्मीर में 6 साल का इस सरकार का कार्यकाल हालाँकि 2021 में समाप्त होने वाला था लेकिन बीजेपी ने पीडीपी से किनारा कर लिया जिसके बाद यहाँ पर राज्यपाल शासन लगा हुआ है. 

 
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