विवादित इस्लामिक प्रचारक डॉक्टर जाकिर नाईक के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार किया है. इंटरपोल के इस फैसले के बाद जाकिर नाईक ने खुशी जताई है. जाकिर ने कहा है कि इस फैसले के बाद मुझे काफी खुशी हो रही है, मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे देश की एजेंसियां भी मेरे ऊपर लगे गलत चार्ज को जल्द हटाएंगी.#बड़ी खबर: एक राष्ट्र एक चुनाव, सरकार को संसदीय समिति की रिपोर्ट का इंतजार
बता दें कि शनिवार को भारतीय एजेंसियों को बड़ा झटका देते हुए इंटरपोल ने विवादित इस्लामिक प्रचारक डॉक्टर जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था. जाकिर के एक करीबी ने इस बात की पुष्टि की थी कि उन्हें इस बात की सूचना मिल गई है.
जाकिर के खिलाफ NIA की चार्जशीट
वहीं सीबीआई ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था. सीबीआई ने कहा कि इस मामले में भारतीय जांच एजेंसी ही कुछ कह सकती है. इंटरपोल ने जाकिर के वकील को खत के जरिए सूचना दी है कि सबूत के अभाव में जाकिर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के आग्रह को रद्द कर दिया गया है.
NIA ने बताई नोटिस ना जारी होने की वजह
NIA के प्रवक्ता आलोक मित्तल ने बयान दिया है कि इंटरपोल ने जाकिर के नाईक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस इसलिए नहीं जारी किया क्योंकि जब अपील की गई थी, तब जाकिर पर चार्जशीट फाइल नहीं हुई थी. अब एनआईए नए सिरे से नोटिस जारी करने की अपील करेगा क्योंकि एजेंसी की मुंबई कोर्ट में जाकिर के खिलाफ चार्जशीट दायर है.
क्या हैं आरोप?
आपको बता दें कि डॉक्टर नाईक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड विधान की धारा 20 (b), 153 (a), 295 (a), 298 and 505 (2) के तहत आरोप तय किए गए हैं.
रिपोर्टों के मुताबिक जाकिर मलेशिया में शरण लिए हुए है. बांग्लादेश में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने जब जाकिर से प्रभावित होने की बात कबूली, तो वो 1 जुलाई, 2016 को भारत से भाग गया. इसके बाद नवंबर, 2016 में जाकिर के खिलाफ केस दर्ज किया गया और दिसंबर, 2016 में जाकिर के एनजीओ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन कर दिया.