आगरा पुलिस अधीक्षक ऑफिस में एक लंगूर की तैनाती हुई है। इसकी वजह थी कि आगरा के कलेक्ट्रेट ऑफिस में बंदरों का आतंक काफी बढ गया था। इस वजह से डीएम, एसएसपी कार्यालय के साथ दूसरे व‍िभागों के काम भी प्रभवित हो रहे थे। सूचना तो ये भी है कि बंदर इतने दबंग हो गए थे कि वे फाइलें तक फाड़ देते थे। ऐसे में आगरा के एसएसपी अमित पाठक ने एसएसपी आगरा के कार्यालय में लंगूर की तैनाती के आदेश द‍िए। इसके बाद से यहां पर लंगूर की नियुक्‍ति के साथ उसे बाकायदा बंदर भगाने का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके बाद से पता चला है स्‍थितियां काबू में हैं और बंदरों ने वहां आना कम कर दिया है। बकरियों को रखा गया काम पर इससे पहले विश्‍व के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल के मुख्‍यालय में भी बकरियों को काम पर रखा जा चुका है। यहां पर एक दो नही बल्कि करीब 200 बकर‍ियां कर्मचारी हैं। इन बकरियों को भी बाकायदा वेतन दिया जाता है। इनका काम यहां के बड़े से लॉन में लगी हरी घास को चरना है। इससे बकरियों का पेट तो भरता ही है साथ ही घास की छंटाई भी हो जाती है। गूगल अपने दफ्तर के लॉन में घास की कटाई के लिये मशीनों का प्रयोग नही करता क्‍योंकि उनसे से निकलने वाले धुंए और आवाज से कर्मचारियों को परेशानी होती है। गूगल खुद अपने ब्लॉग पर बकरियों को काम पर रखने की जानकारी दी थी।

जानवर भी नहीं रहेंगे बेरोजगार उनके लिए भी है काम

आगरा पुलिस अधीक्षक ऑफिस में एक लंगूर की तैनाती हुई है। इसकी वजह थी कि आगरा के कलेक्ट्रेट ऑफिस में बंदरों का आतंक काफी बढ गया था। इस वजह से डीएम, एसएसपी कार्यालय के साथ दूसरे व‍िभागों के काम भी प्रभवित हो रहे थे। सूचना तो ये भी है कि बंदर इतने दबंग हो गए थे कि वे फाइलें तक फाड़ देते थे। ऐसे में आगरा के एसएसपी अमित पाठक ने एसएसपी आगरा के कार्यालय में लंगूर की तैनाती के आदेश द‍िए। इसके बाद से यहां पर लंगूर की नियुक्‍ति के साथ उसे बाकायदा बंदर भगाने का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके बाद से पता चला है स्‍थितियां काबू में हैं और बंदरों ने वहां आना कम कर दिया है।आगरा पुलिस अधीक्षक ऑफिस में एक लंगूर की तैनाती हुई है। इसकी वजह थी कि आगरा के कलेक्ट्रेट ऑफिस में बंदरों का आतंक काफी बढ गया था। इस वजह से डीएम, एसएसपी कार्यालय के साथ दूसरे व‍िभागों के काम भी प्रभवित हो रहे थे। सूचना तो ये भी है कि बंदर इतने दबंग हो गए थे कि वे फाइलें तक फाड़ देते थे। ऐसे में आगरा के एसएसपी अमित पाठक ने एसएसपी आगरा के कार्यालय में लंगूर की तैनाती के आदेश द‍िए। इसके बाद से यहां पर लंगूर की नियुक्‍ति के साथ उसे बाकायदा बंदर भगाने का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके बाद से पता चला है स्‍थितियां काबू में हैं और बंदरों ने वहां आना कम कर दिया है।  बकरियों को रखा गया काम पर   इससे पहले विश्‍व के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल के मुख्‍यालय में भी बकरियों को काम पर रखा जा चुका है। यहां पर एक दो नही बल्कि करीब 200 बकर‍ियां कर्मचारी हैं। इन बकरियों को भी बाकायदा वेतन दिया जाता है। इनका काम यहां के बड़े से लॉन में लगी हरी घास को चरना है। इससे बकरियों का पेट तो भरता ही है साथ ही घास की छंटाई भी हो जाती है। गूगल अपने दफ्तर के लॉन में घास की कटाई के लिये मशीनों का प्रयोग नही करता क्‍योंकि उनसे से निकलने वाले धुंए और आवाज से कर्मचारियों को परेशानी होती है। गूगल खुद अपने ब्लॉग पर बकरियों को काम पर रखने की जानकारी दी थी।

बकरियों को रखा गया काम पर 

इससे पहले विश्‍व के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल के मुख्‍यालय में भी बकरियों को काम पर रखा जा चुका है। यहां पर एक दो नही बल्कि करीब 200 बकर‍ियां कर्मचारी हैं। इन बकरियों को भी बाकायदा वेतन दिया जाता है। इनका काम यहां के बड़े से लॉन में लगी हरी घास को चरना है। इससे बकरियों का पेट तो भरता ही है साथ ही घास की छंटाई भी हो जाती है। गूगल अपने दफ्तर के लॉन में घास की कटाई के लिये मशीनों का प्रयोग नही करता क्‍योंकि उनसे से निकलने वाले धुंए और आवाज से कर्मचारियों को परेशानी होती है। गूगल खुद अपने ब्लॉग पर बकरियों को काम पर रखने की जानकारी दी थी।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com