जानिए क्यों टमाटर के दाम छू रहे आसमान और कब लगेगी इस पर लगाम...

जानिए क्यों टमाटर के दाम छू रहे आसमान और कब लगेगी इस पर लगाम…

पिछले साल बरसात की कमी के चलते टमाटर समेत हरी सब्जियां आम आदमी की पहुंच से बाहर थीं, वहीं इस साल अच्छी बरसात ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। 10 रुपये बिकने वाले टमाटर के दाम सीधे 60 रुपये तक पहुंच गए हैं।

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जबकि सब्जियां भी थाली से कम होती जा रही हैं। आढ़तियों के मुताबिक हिमाचल में करीब एक महीने से हो रही लगातार बारिश की वजह से टमाटर के दाम बढ़े हैं। फल भी फिलहाल आम आदमी की पहुंच से बाहर है।

वहीं, आम की फसल कम होने से मंडी में इसके दाम पिछले साल की तुलना में दोगुने हैं। आजादपुर सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा के मुताबिक, बरसात में हर साल टमाटर और सब्जियों के दाम बढ़ते हैं।

लेकिन इस साल दाम में अधिक बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि पहाड़ों में इस बार जून से ही बरसात जारी है। राजेंद्र शर्मा का कहना है कि टमाटर के दाम बढने का फायदा किसान को भी नहीं हो रहा है।

इस समय उत्तर भारत के यूपी, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू कश्मीर समेत चंडीगढ़ की मंडियों में हिमाचल का टमाटर ही प्रयोग होता है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल किसानों ने महज 40 फीसदी ही टमाटर की फसल लगाई है।

जबकि अन्य में फूलों की खेती हो रही है। टमाटर लगाना आसान है, लेकिन बरसात शुरू होने के बाद उसे बीमारियों से बचाते हुए मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल है। बीमारी से बचाने के लिए जो स्प्रे होता है, उसकी कीमत दो हजार रुपये तक पड़ती है।

ऐसे में उसे खर्चा निकालना भी मुश्किल है। यही कारण है कि बरसात और फसल कम होने के कारण टमाटर  के दाम बढ़े हैं, लेकिन आसमान छूते दाम किसान नहीं, रिटेलर की देन है। क्योंकि मंडी में टमाटर 18 से 20 रुपये प्रति किलो थोक में बिक रहे हैं। अगर बरसात नहीं रुकती है तो इसके दाम 30 रुपये किलो तक पहुंच सकते हैं।

पिछले दस दिनों से दाम ऊपर-नीचे हो रहे  

आढ़ती सुभाष का कहना है कि सब्जियों के दाम पिछले दस दिन से ऊपर-नीचे जा रहे हैं। हालांकि टमाटर और सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी थोक मार्केट नहीं, बल्कि रिटेलर की देन है। – सुभाष, आढ़ती, सब्जी, आजादपुर मंडी। 
     
हिमाचल में बरसात के कारण बढ़े दाम 
उत्तर भारत के सभी राज्य इस समय हिमाचल के टमाटर के भरोसे होते हैं। हालांकि बरसात के चलते इस साल फसल कम हुई है। हालांकि बरसात के मौसम में हर वर्ष दामों में बढ़ोतरी होती है। लेकिन अत्यधिक दाम रिटेलर की देन है। क्योंकि वे सस्ते में खरीदकर घरों के पास की दुकानों में दोगुने से लेकर तीन गुना कीमत के साथ बेच रहे हैं। – अनिल मल्होत्रा, आढ़ती, टमाटर, आजादपुर मंडी। 

मौसमी, चेरी, अनार सस्ता तो बग्गू गोशा, सेब पहुंच के बाहर 
फलों के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है, हालांकि कई फलों के दाम गिरे भी है। मौसमी, चेरी, अनार सस्ता हो गया है। जबकि बग्गू गोशा, सेब के दाम अत्यधिक होने के चलते आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं। हालांकि आने वाले दिनों में मौसमी फलों के दामों में गिरावट आ सकती है। आम की फसल इस साल नहीं है। इसी के चलते आम पिछले साल की तुलना में दोगुने से तीन गुना अधिक दाम पर बिक रहा है। – राजकुमार भाटिया, आढ़ती, फल, आजादपुर मंडी।
    
नाम             पहले                अब (थोक मंडी, रुपये प्रति किलो)
टमाटर            8-20                         25-30      
अरबी             15-20                      22-25      
हरी मिर्च          20-25                      30-35      
धनिया            15-20                     40-80      
तोरी              15-20                    10-15      
पालक            5-10 ।                   8-15      
बीनस            15-25                   20-35                                      
मौसमी            20-50                  16-40       
चेरी              100-200               80-180 (डिब्बा)                  
अनार            70-80                   40-60      
बग्गू गोशा       100-130 130-150       
आम              60                       40      
आडूृ              50                      25       
आलू बुखारा     80                      60 

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