नई दिल्ली – भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव इतना बढ़ गया है कि चीन ने अपने समबरीन और युद्धपोतों को हिंद महासागर में उतार दिया है। हालांकि, भारतीय नौ-सेना और सरकार चीन की हर चाल पर नज़र रख रही है। भारतीय सैटेलाइट्स और नौसेना निगरानी तंत्र को हिन्द महासागर में कम से कम 14 चीनी नौसेना पोत घूमते दिखाई दिये। चीन की इस हरकत को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि चीन भारत को युद्ध के लिए उकसा रहा है और वह पहले हमला नही करने वाला।
युद्ध होता है तो चीन के मुकाबले भारत कितना ताकतवर :
आज भारत और चीन के सैनिकों की बात करें तो भारत और चीन की थल और जल सेना की क्षमता लगभग बराबर है। भारत ने माउंटन स्ट्राइक कोर को केवल चीन से लड़ने के लिए ही तैयार किया है। इस कोर को ब्रह्मास्त्र के नाम से भी जाना जाता है जिसका मुख्यालय पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में स्थित है। ये स्ट्राइक कोर युद्ध की स्थिति में दुश्मन की सीमा में घुसकर उसे मार गिराने की क्षमता रखती है और इसे सिर्फ चीन से लड़ने के लिए बनाया गया है। अमेरिका से हाल ही में आई एम-777 हल्की तोपें खासतौर से इसी स्ट्राइक कोर के लिए खरीदी गई हैं।
वायुसेना के पास हैं ज्यादा मारक क्षमता वाले लड़ाकू विमान :
1962 के मुकाबले भारत की थल और जल सेना जहां चीन के बराबरी है तो वहीं भारत की वायुसेना चीन से कही आगे हैं। भारत की वायुसेना चीन से ज्यादा ताकतवर है क्योंकि भारत के पास चीन से ज्यादा मारक क्षमता वाले लड़ाकू विमान हैं। भौगोलिक स्थिती के कारण भारत के लड़ाकू विमान बम और मिसाइल लेकर चीन की सीमा में आसानी से घुस सकते हैं। लेकिन चीन के लड़ाकू विमानों के लिए तिब्बत में बने एयरबेस और एयर स्ट्रिप से ज्यादा बम और मिसाइल लेकर उड़ान भरना संभव नही है। भारत भले ही चीन से 1962 के युद्ध में हार गया हो लेकिन उसके बाद जितनी भी झड़पें हुई हैं उनमें भारतीय सेना चीन पर भारी ही पड़ी है।
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