जानिए भारत के अलवा किन देशों में ,मनाई जाती है दिवाली

दिवाली की धूम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि इससे बाहर भी देखने को मिलती है। नेपाल से लेकर श्रीलंका मलेशिया जापान तक में दिवाली के दिन माहौल देखने वाला होता है। तो यहां कैसे मनाते हैं दिवाली आइए जानते हैं। इस साल 24 अक्टूबर को दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। दिवाली पूरे पांच दिनों तक चलने वाला त्योहार है जिसमें हर एक दिन का अपना अलग महत्व होता है। दिवाली के मौके पर लोग मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। घरों को फूलों, लाइट्स और रंगोली से सजाया जाता है और घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए खाए जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं दिवाली की धूम सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि और भी कई देशों में देखने को मिलती है।

नेपाल

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दीपावली को तिहाड़ के रूप में मनाया जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में पहले दिन गाय की पूजा, जबकि दूसरे दिन कुत्तों की पूजा की जाती है। वहीं, तीसरे दिन मिठाईयां बनाई जाती हैं, देवी-देवताओं की पूजा होती है और घरों को सजाया जाता है। इसके बाद चौथे दिन लोग यमराज की पूजा करते हैं जबकि पांचवें दिन भैया दूज मनाया जाता है।

मलेशिया

मलेशिया में दिवाली को हरि दिवाली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन यहां लोग जल्दी उठते हैं और फिर पानी और तेल से स्नान करते हैं फिर देवी-देवताओं की पूजा की परंपरा है। वहीं, यहां कई जगहों पर इस दिन दिवाली के मेले भी लगाए जाते हैं।

थाईलैंड

थाईलैंड में भी दिवाली मनाई जाती है, लेकिन इसका नाम क्रियोंध है। इस दिन यहां पर केले की पत्तियों से दीपक बनाए जाते हैं और फिर रात को इन दीयों को और धूप को जलाया जाता है। इसके बाद दीये और धूप को कुछ पैसों के साथ नदी में बहा दिया जाता है।

श्रीलंका

श्रीलंका में दिवाली का त्योहार इसलिए भी खास महत्व रखता है क्योंकि ये महाकाव्य रामायण से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन यहां के लोग अपने-अपने घरों में मिट्टी के दीये जलाते हैं और एक-दूसरे के घर जाकर उनसे मिलते हैं।

जापान

दीपावली के दिन जापान में लोग अपने बगीचों में पेड़ों पर लालटेन और कागज से बने पर्दे लटकाते हैं। इसके बाद उसे आसमान में छोड़ देते हैं। इस दिन लोग नाच-गाना भी करते हैं। इसके अलावा बोटिंग का भी आनंद लेते हैं।
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com