184714532

जितनी तेजी से बढ़ा, उतनी तेजी से कम हो सकता है कोरोना, जानें- विशेषज्ञों की सलाह

संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना का वायरस जितनी तेजी से फैल रहा है, उतनी ही तेजी से नीचे भी आ सकता है। कोरोना संक्रमण पर नजर रखने वाले विज्ञानियों के अनुसार बहुत बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने के कारण भले ही देश का स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया हो और लोगों को इलाज नहीं मिलने की शिकायत आ रही हो, लेकिन इसके बावजूद पहले चरण के मुकाबले दूसरे चरण में मृत्यु दर काफी कम है।

184714532

कोरोना की दूसरी लहर में 99 फीसद से अधिक मरीज हो रहे हैं स्वस्थ

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने के कारण कोरोना से मरने वालों की तादाद बहुत ज्यादा दिख रही है। लेकिन यह लगातार एक फीसद के आसपास बनी हुई है। जबकि पहले चरण में मृत्युदर तीन फीसद से भी ज्यादा थी, जो धीरे-धीरे फरवरी तक कम होकर 1.5 फीसद के करीब आ गई थी। जाहिर है कोरोना का नया वायरस ज्यादा संक्रामक होने के बावजूद पिछली बार की तुलना में कम घातक है और 99 फीसद से ज्यादा मरीज स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। यही कारण है कि पिछले दो महीने के भीतर कुल मृत्युदर का ग्राफ नीचे आ रहा है और सोमवार को 1.12 फीसद पहुंच गया है।

महाराष्ट्र, दिल्ली और मध्य प्रदेश में संक्रमित लोगों की संख्या में आ रही गिरावट

ध्यान देने की बात है कि पिछली बार एक मार्च के बाद कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़नी शुरू हुई थी और 16 सितंबर को यह चरम पर लगभग 98 हजार पहुंच गया था। लेकिन इस बार यह 25 अप्रैल को 3.54 लाख प्रतिदिन का आंकड़ा पार कर चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी यह कहना मुश्किल है कि संक्रमण अपने चरम पर पहुंच गया है और अब इसमें गिरावट आएगी। लेकिन महाराष्ट्र, दिल्ली और मध्य प्रदेश में संक्रमित लोगों की संख्या में कमी इसकी ओर संकेत जरूर दे रहे हैं।

देश भर में लगभग 21 फीसद लोगों में कोरोना की एंटीबाडी पाई गई

पहले चरण के चरम पर पहुंचने के बाद दिसंबर में आइसीएमआर ने सीरो सर्वे कराया था, जिसमें देश भर में लगभग 21 फीसद लोगों में कोरोना की एंटीबाडी पाई गई थी। यानी यदि मौजूदा एक दिन में 3.54 लाख संक्रमण को देखें तो इस बार वायरस ज्यादा तेजी से फैला है और पहले की तुलना में कई गुना ज्यादा आबादी तक इसके पहुंचने की आशंका है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संक्रमण की सही स्थिति का पता लगाने के लिए आइसीएमआर अगले महीने नए सिरे से सीरो सर्वे करा सकता है।

इन कारणों से इस बार ज्यादा लोग हो रहे संक्रमित

इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी के निदेशक अनुराग अग्रवाल के अनुसार 21 फीसद लोगों में कोरोना के वायरस पहुंचने के दो महीने बाद ही संक्रमण की इतनी तेज रफ्तार के दो-तीन स्पष्ट कारण हैं। एक तो जो लोग पहले चरण में संक्रमित हुए, उनके शरीर में कोरोना के खिलाफ बनी एंटीबाडी समाप्त हो गई। एंटीबाडी किसी शरीर में लगभग 102 दिनों तक ही रहती है। यानी ये सभी लोग फिर से संक्रमण के दायरे में आ गए।

दूसरा कोरोना के वायरस में कई म्यूटेशन हुए। इसमें यूके और डबल म्यूटेंट वैरिएंट को बहुत ज्यादा संक्रामक पाया गया है। तीसरा अहम कारण आम लोगों का व्यवहार भी है। कम होते मामलों में के कारण लोगों ने धीरे-धीरे उचित व्यवहार का पालन बंद कर दिया था और सामान्य दिनों की भांति सारे काम करने लगे थे। जाहिर है अधिक संक्रामक वायरस की चपेट में ये सभी लोग आ गए। संक्रमण की रफ्तार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि दिल्ली और महाराष्ट्र में जितने लोगों का टेस्ट हो रहा है, उनमें 25 से 36 फीसद तक लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं।

 

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com