जीएसटी को लागू होने में अब सिर्फ सात दिन बचे हैं लेकिन इसे लेकर सवालों की झड़ी लगी हुई है. मौजूदा टैक्स से ये कैसे अलग होगा इसको लेकर आसान भाषा में यहां आपको सारी जानकारी दी जा रही है. जानिए कैसे बाजार जाने पर आपकी जेब से कम पैसा निकलेगा और आपको होगा फायदा.
मान लीजिए रेडिमेड कपड़े की एक दुकान पर एक ड्रेस की कीमत है 208 रुपये 23 पैसे, लेकिन जीएसटी लागू हो जाने के बाद ये ड्रेस 166 रुपये की हो जाएगी, यानि 42 रुपये 23 पैसे सस्ती, ये कैसे होगा? खबर के जरिए आप ये समझ जाएंगे.
सबसे पहले मौजूदा बात मौजूदा टैक्स सिस्टम की, मान लीजिए ड्रेस को बनाने वाले निर्माता ने इसका कच्चा माल 100 रुपये में खरीदा जिसमें 10 रुपये टैक्स के भी शामिल हैं. कच्चे माल से ड्रेस तैयार हो गयी, निर्माता ने इसमें 30 रुपये अपनी लागत के जोड़े, अब इस ड्रेस की कीमत हो गयी 130 रुपये. अब वो इसे थोक व्यापारी को बेचता है, जिसमें वो 10 फीसदी टैक्स यानि 13 रुपये लेता है, थोक व्यापारी को ये ड्रेस 143 रुपये की मिली. थोक व्यापारी ने इसमें अपना 20 रुपये का मार्जिन जोड़ा, अब इसकी कीमत 163 रुपये हो गई.
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अब वो इसे खुदरा व्यापारी को बेचता है, जिसमें वो 10 फीसदी टैक्स यानि 16 रुपये 30 पैसे लेता है, यानि खुदरा व्यापारी को ये ड्रेस 179 रुपये 30 पैसे में मिली. खुदरा व्यापारी इसमें अपना 10 रुपये का मार्जिन जोड़ता है, जिससे ड्रेस की कीमत 189 रुपये 30 पैसे हो जाती है. अब खुदरा व्यापारी इसे ग्राहक को बेचता है, जिसमें वो 10 फीसदी टैक्स यानि 18 रुपये 93 पैसे लेता है, यानि ग्राहक को ये ड्रेस 208 रुपये 23 पैसे में मिलती है. इस पर अलग-अलग स्तर पर कुल 58 रुपये 23 पैसे का टैक्स लगा
यानि मौजूदा टैक्स व्यवस्था में टैक्स के ऊपर भी टैक्स लगता है, लेकिन जीएसटी में ऐसा नहीं होगा, पहले दिए गए टैक्स बाद में लगने वाले टैक्स से घटा दिए जाएंगे, इसी ड्रेस के उदाहरण से फिर समझिए. ड्रेस की बात करें तो निर्माता ने 100 रुपये में कच्चा माल खरीदा जिसमें 10 रुपये टैक्स के शामिल हैं, ड्रैस तैयार होने के बाद निर्माता ने लागत के रूप में 30 रुपये इसमें जोड़े, जिसके बाद ड्रेस की कीमत 130 रुपये हो गयी.
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जीएसटी से पहले
जीएसटी से पहले इस पर 10 फीसदी यानि 13 रुपये का टैक्स लगता है, लेकिन जीएसटी के बाद टैक्स के इस 13 रुपये में से कच्चे माल पर लगे टैक्स के 10 रुपयों को घटा दिया जाएगा, यानि इस पर टैक्स लगा 3 रुपये का जो कि ग्राहक देगा. तो जीएसटी से पहले थोक व्यापारी को ये ड्रेस 143 रुपये में मिली, लेकिन जीएसटी के बाद उसे ये 130 में मिलेगी. अब थोक व्यापारी ने इस पर अपना 20 रुपये का मार्जिन जोड़ा, यानि जीएसटी से पहले ड्रेस की कीमत 163 रुपये हो गयी, जबकि जीएसटी के बाद 150 रुपए होगी
अब खुदरा व्यापारी को बेचते वक्त इस पर 10 फीसदी टैक्स जोड़ते हैं, जीएसटी से पहले इसमें टैक्स के 16 रुपये 30 पैसे जुड़ेंगे यानि कीमत होगी 179 रुपये 30 पैसे, जबकि जीएसटी में टैक्स के 15 रुपये में पिछले दिए गए टैक्स 13 रुपये को घटा दिया जाएगा, यानि 2 रुपये टैक्स हुआ जो ग्राहक देगा. अब खुदरा व्यापारी इसमें अपना 10 रुपये का मार्जिन जोड़ता है, जीएसटी से पहले ड्रेस 189 रुपये 30 पैसे की होगी जबकि जीएसटी के बाद 160 रुपये की होगी
अब ग्राहक को बेचते वक्त इस फिर 10 फीसदी टैक्स लगता है, इसका मतलब ये हुआ कि जीएसटी से पहले 18 रुपये 93 पैसे और टैक्स लगा, जबकि जीएसटी से बाद में 16 रुपये टैक्स से पिछले दिए गए टैक्स के 15 रुपये घटा दिए जाएंगे, यानि 1 रुपये टैक्स ग्राहक देगा. जीएसटी से पहले ड्रेस पर कुल टैक्स दिया गया 58 रुपये 23 पैसे, जबकि जीएसटी के बाद टैक्स दिया गया 16 रुपये
नतीजा ये हुआ कि ग्राहक को जो ड्रेस जीएसटी से पहले 208 रुपये 23 पैसे मिली वो जीएसटी के बाद 166 रुपये मिलेगी, तो इस तरह जीएसटी के बाद ये ड्रेस 42 रुपये 23 पैसे सस्ती हो गयी.
इस उदाहरण के जरिए आप को ये समझ आ गया होगा कि जीएसटी आने के बाद खासकर कपड़ों की खरीदारी के ऊपर कैसे आपको होने वाली है बचत.