ट्रंप प्रशासन में बड़ी उठापटक, विदेश मंत्री टिलरसन को हटाया...

ट्रंप प्रशासन में बड़ी उठापटक, विदेश मंत्री टिलरसन को हटाया…

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को बर्खास्त कर दिया और सीआईए के मौजूदा निदेशक माइक पॉम्पियो को यह पद सौंप दिया। जबकि देश की खुफिया एजेंसी सीआईए की बागडोर उन्होंने जीना हास्पेल को सौंपी है। जीना अमेरिका की पहली महिला सीआईए निदेशक होंगी। डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर खुद यह जानकारी दी। ट्रंप प्रशासन में बड़ी उठापटक, विदेश मंत्री टिलरसन को हटाया...टिलरसन को ऐसे समय पद से हटाया गया है कि जब वह अफ्रीका के दौरे पर हैं। ट्रंप ने उनकी सेवाओं के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया।

ट्रंप ने ट्वीट में कहा, ‘पॉम्पियो अब हमारे विदेश मंत्री होंगे। उम्मीद है वह बढ़िया काम करेंगे।’ ट्रंप के अचानक से लिए गए इस फैसले से सभी हैरान हैं। इसे ट्रंप प्रशासन की सबसे बड़ी उठापटक माना जा रहा है।

हाल के दिनों में टिलरसन और ट्रंप के बीच कई मतभेद दिखाई दिए। बताया जा रहा है कि टिलरसन विदेश नीति में दखल नहीं चाहते थे। जबकि ट्रंप का विदेश नीति में दखल अधिक है।

यह बात भी सामने आई है कि पिछले साल एक अहम बैठक के दौरान दोनों के बीच विवाद इस कदर बढ़ गया था कि टिलरसन ने सभी के सामने ट्रंप को बेवकूफ तक कह डाला था।

तब से ट्रंप उन्हें इस पद से हटानी की फिराक में थे। हालांकि पिछले साल दिसंबर में ट्रंप ने इन खबरों को खारिज किया कि टिलरसन के गिनती के दिन बचे हैं। ट्रंप ने कहा कि हम दोनों मिलकर अच्छा काम कर रहे हैं।

ट्रंप और टिलरसन के बीच यह थे मतभेद

यह थे मतभेद:

मुक्त व्यापार के पैरोकार 

टिलरसन मुक्त व्यापार के भी पैरोकार रहे हैं। वह मध्य पूर्व में अमेरिकी उपस्थिति को बढ़ाने के पक्षधर भी रहे हैं। जानकारों के मुताबिक, उनके ये विचार ट्रंप के विचारों से मेल नहीं खाते थे।

उत्तर कोरिया पर रणनीति 

दोनों के बीच हालिया मतभेद तब सामने आया जब टिलरसन उत्तर कोरिया के साथ परमाणु कार्यक्रम पर कूटनीतिक समाधान ढूंढने की कोशिश कर रहे थे। टिलरसन लगातार उत्तर कोरिया के संपर्क में थे।

टिलरसन के इस कदम पर ट्रंप ने ट्वीट करते हुए कहा था कि रेक्स अपनी ऊर्जा बर्बाद कर रहे हैं। जानकारों के मुताबिक, ट्रंप का यह कदम विदेश मंत्रालय को अपने कब्जे में लेने का भी है।

आने वाले समय में अमेरिकी विदेश नीति में कई अहम बदलाव होने हैं। ऐसे में ट्रंप अपने किसी भरोसेमंद को यह कमान सौंपना चाहते थे। बता दें कि मई में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ ट्रंप की बैठक हो सकती है।

वर्जीनिया हिंसा पर चुप्पी 

दोनों के बीच बड़ी दरार तब आई, जब पिछले साल अगस्त में वर्जीनिया में एक रैली के दौरान हुई हिंसा के प्रति ट्रंप के निराशाजनक प्रतिक्रिया देने पर टिलरसन ने सार्वजनिक रूप से किनारा कर लिया था।

वर्जीनिया में श्वेतों को श्रेष्ठ समझने वालों लोगों की रैली के दौरान हिंसा भड़कने पर ट्रंप मौन रहे थे। आलोचना का शिकार होने पर टिलरसन ने ट्रंप के पक्ष में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com