डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति के ब्रेन स्ट्रक्चर में बदलाव का खतरा होता है. ये बदलाव दिमाग की सोचने की क्षमता को प्रभावित करता है. हाल ही में आई रिसर्च में ये बात सामने आई है.
रिसर्च के मुताबिक, डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति के दिमाग के व्हाइट मैटर में बदलाव पाया गया, जिसमें तंतु होते हैं और ये ब्रेन सेल्स को इलेक्ट्रिकल सिग्नल के सहारे एक-दूसरे से जोड़ने में सक्षम बनाते हैं.
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शोधकर्ताओं ने कहा कि ब्रेन वायरिंग में व्हाइट मैटर एक बेहद अहम हिस्सा है और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का प्रभाव इमोशंस और सोचने की क्षमता पर पड़ सकता है.
इसके अलावा, डिप्रेशन ग्रस्त लोगों के व्हाइट मैटर की फोकस की कमी देखी गई है, जो सामान्य इंसान में नहीं दिखीं.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग में सीनियर रिसर्च फैलो हीथर व्हाले का कहना है कि इस रिसर्च के मुताबिक, डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों के व्हाइट मैटर में बदलाव होता है, जो दिमाग की वायरिंग है. डॉ. कहते हैं कि डिप्रेशन का इलाज समय रहते जरूरी है ताकि बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सके.
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