तंबाकू ही नहीं पान और सुपारी से भी बढ़ता है कैंसर का खतरा...

तंबाकू ही नहीं पान और सुपारी से भी बढ़ता है कैंसर का खतरा…

आम तौर पर लोग तंबाकू से कैंसर और अन्य खतरों के बारे में तो जानते हैं लेकिन विशेषज्ञ पान और सुपारी को भी उतना ही खतरनाक बताते हैं और लांसेट पत्रिका ने भी इन पर रोकथाम के लिए कोई नीति और दिशानिर्देश नहीं होने की ओर इशारा करते हुए व्यापक अनुसंधान की जरूरत बताई है. लांसेट पत्रिका ने दिसंबर के अंक में ‘आंकोलॉजी’ श्रेणी में एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें लिखा है कि पान और सुपारी का एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों में व्यापक इस्तेमाल किया जाता है. दोनों ही पदार्थ कई तरह के मुख और इसोफेगल (आहार नली) कैंसर के लिए जोखिम भरे माने जाते हैं.तंबाकू ही नहीं पान और सुपारी से भी बढ़ता है कैंसर का खतरा...

इसमें कहा गया है कि पान और सुपारी का इस्तेमाल करने वालों के लिए रोकथाम कार्यक्रमों को बढ़ावा देने तथा इनके इस्तेमाल से होने वाले कैंसर के बढ़ते खतरों पर ध्यान देने के लिहाज से प्रमाण आधारित स्क्रीनिंग और जल्द डायग्नोसिस की प्रणाली तैयार करने की दिशा में भी अनुसंधान बढ़ाना होगा. पत्रिका के अनुसार दुनियाभर में जन स्वास्थ्य को लेकर अनदेखी के शिकार इस क्षेत्र पर ध्यान देने के लिए बहुविषयक अनुसंधान जरूरी है.

सुपारी और पान के इस्तेमाल पर रोक के लिए प्रयासों को भी गति प्रदान करना जरूरी है. इसके अलावा इनके मूलभूत जीवविज्ञान, प्रक्रियाओं और इनके इस्तेमाल के खतरों से जुड़े विज्ञान को लेकर हमारी समझ को बढ़ाना जरूरी है. इस संबंध में नोएडा स्थित राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईसीपीआर) के निदेशक प्रो. रवि मेहरोत्रा ने कहा कि लांसेट का यह अध्ययन पान और सुपारी को लेकर अब तक हुए अध्ययनों में रह गई कमियों को चिह्नित कर उन्हें दूर करने का पहला प्रयास है.

तंबाकू के साथ ही सुपारी से कैंसर के खतरों को लेकर अनुसंधान कार्य में लगे एनआईसीपीआर के निदेशक ने कहा कि यह रिपोर्ट पान और सुपारी के नुकसानों को लेकर होने वाले अध्ययनों में रह गई कमियों को दूर कर कैंसर नियंत्रण की दिशा में सुधार के लिहाज से दूरगामी परिणाम वाली होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि पान के पत्ते पर सुपारी और मसाला आदि रखकर तैयार किया गया खाने वाला पान और खाने वाली सुपारी, दोनों चीजों से हृदय संबंधी, पेट और आंत संबंधी, चयापचय संबंधी एवं श्वसन संबंधी स्वास्थ्य दुष्प्रभाव भी देखने में आये हैं.

तंबाकू के लिए तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का ‘तंबाकू नियंत्रण पर रूपरेखा समझौता’ है जिसमें तंबाकू के इस्तेमाल को कम करने के संबंध में प्रमाण- आधारित नीतियों के प्रावधान हैं लेकिन पान और सुपारी के इस्तेमाल पर रोकथाम के लिए कोई वैश्विक नीति नहीं है.

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com