ताल सुमेर सागर में क्लीनिक के मामले में हाइकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का दिया आदेश

ताल सुमेर सागर में क्लीनिक के मामले में हाइकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। वीना सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि न तो प्रशासन वहां कब्जा हटाएगा और न ही याचिकाकर्ता सम्बंधित संपत्ति की वर्तमान स्थिति में परिवर्तन कर सकेंगे। प्रशासन को 31 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है।

डाक्टर आरएन सिंह की पत्नी डा. वीना  सिंह की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर गौरव सिंह सोगरवाल ने हाइकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा था। ताल सुमेर सागर में डा. वीना सिंह की क्लीनिक गिराने के मामले में 29 जुलाई को फैसला हुआ है। इसमें प्रशासन को 31 जुलाई तक काउंटर एफिडेविट दाखिल करना है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने से छूट दे दी गई है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि हाई कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने को कहा है। संपत्ति को गिराया जा चुका है। वहां याचिकाकर्ता निर्माण नहीं करा सकते हैं।

आदेश का पालन न कराने पर डीएम व एसडीएम को होना पड़ सकता है उपस्थित

गीता देवी एवं सात अन्य की ओर से दाखिल अवमानना में 14 अगस्त को सुनवाई होगी। हाई कोर्ट ने कहा है कि यदि 10 जुलाई के ऑर्डर का पालन करा दिया जाता है तो विपक्षी पार्टी यानी जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पांडियन एवं एसडीएम सदर गौरव ङ्क्षसह सोगरवाल को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की जरूरत नहीं है। उन्हें केवल आदेश पालन के पत्र के साथ शपथ पत्र दाखिल करना होगा। जबकि यदि आदेश का पालन नहीं कराया जाएगा तो 14 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। सुमेर सागर में लोगों के लिए प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस नेता राणा राहुल ङ्क्षसह में कहा है कि न्याय की जीत हुई है।

जिला जज ने कहा-न्याय के क्षेत्र में पारदर्शिता आवश्यक

जनपद न्यायाधीश गोविंद बल्लभ शर्मा ने कहा कि न्याय के क्षेत्र में पारदर्शिता आवश्यक है। न्यायिक सेवा में मैंने सदा इस पर ध्यान रखा। वादकारी को त्वरित व पारदर्शी न्याय देना हम सबकी जिम्मेदारी है।

वह बार एसोसिएशन सभागार में अपने सेवानिवृत्ति के अवसर पर अधिवक्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सुदूर क्षेत्र से आने वाले गरीब वादकारी न्यायालय में बड़ी उम्मीद लेकर आते हैं, जिसे कायम रखना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन की गौरवशाली परंपरा तथा अधिवक्ताओं के कार्यशैली, स्नेह व उनसे मिले सम्मान को आजीवन याद रखूंगा। समारोह की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र शाही तथा संचालन मंत्री अजय शुक्ला ने किया। एसोसिएशन की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह व बुकें भेंट कर सम्मानित किया गया। समारोह को प्रधान परिवार न्यायाधीश देवेन्द्र ङ्क्षसह, प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी, सुभाष शुक्ला, अभिमन्यु पांडेय, यशपाल ने भी संबोधित करते हुए उनके यशस्वी जीवन की कामना की। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री भानु प्रताप पांडेय, जेपी ङ्क्षसह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता एचएन यादव, जयनाथ यादव, धर्मेंद्र मिश्र, सौरभ श्रीवास्तव, रमेश पांडेय, धीरेंद्र जायसवाल, नीरज शाही, पीके दूबे, अभयनंदन त्रिपाठी, उमापति उपाध्याय, घनश्याम त्रिपाठी, शिखर पांडेय, आशुतोष मिश्र, धनंजय त्रिपाठी, ललिता पांडेय आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

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