इस कारण अकाली दल को फिरोजपुर से नए चेहरे की तलाश है। इस सीट पर राय सिख बिरादरी के ज्यादा वोट होने के कारण घुबाया जीत हासिल करते थे। बीते कुछ सालों में फिरोजपुर में भाजपा ने सीमावर्ती इलाकों में काफी काम किया है। केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं के तहत फिरोजपुर के सीमावर्ती गावों के विकास व सड़कों को बनवाने का काम बीते कुछ सालों में काफी तेजी के साथ हुआ है। इसके अलावा संघ की एक टीम लगातार सीमावर्ती इलाकों से लगते तमाम गावों के लोगों के साथ संपर्क में है। भाजपा के पूर्व प्रधान कमल शर्मा ने भी बीती सरकार के कार्यकाल में उक्त इलाकों में काफी काम करवाए हैं। नतीजतन इस बात की भी उम्मीद की जा रही है कि अकाली दल के साथ सीटों की अदला-बदली में फिरोजपुर सीट भी भाजपा के खाते में जा सकती है। साथ ही आनंदपुर साहिब, संगरूर व फतेहगढ़ साहिब की सीटों पर भी गठबंधन में मंथन करने का काम शुरू हो गया है। बादल के साथ अमित शाह की बंद कमरे में हुई मुलाकात के दौरान सभी 13 सीटों के बारे में रणनीति पर चर्चा की गई। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि ओवरआल प्लान भाजपा का होगा और अकाली दल पंजाब व अन्य एजेंडों को उक्त प्लान में शामिल करवाएगा। गठबंधन प्रदेश की सभी 13 लोकसभा सीटों के लिए अलग-अलग रणनीति तय करके ज्यादा से ज्यादा सीटें अपनी झोली में डालने की कवायद में जुट गया है। इसके अलावा भाजपा अपनी गुरदासपुर, अमृतसर व होशियारपुर सीटों के लिए भी रणनीति तय कर चुकी है। इसी माह से रणनीति पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए अमित शाह के निर्देश पर प्रदेश भाजपा की तरफ से टीमों को बनाए जाने का काम भी दो-चार दिनों में ही मुकम्मल करने की कोशिश की जा रही है।

तीन ही नहीं तेरह की कवायद में जुटी भाजपा, शिअद संग बनाया मास्‍टर प्‍लान

मनोज त्रिपाठी]। पंजाब में तीन सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी इस बार अपनी तीन सीटों सहित सभी 13 सीटों पर जीत की कवायद में जुट गई है। वीरवार को भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान अमित शाह के दौरे के बाद भाजपा के मास्टर प्लान पर काम करने को अकाली दल ने कुछ संशोधन के साथ मंजूरी दे दी है। इसके बाद भाजपा ने अपने हिस्से की तीन सीटों सहित बाकी की सभी सीटों पर अपने काडर वोट बैंक के अलावा अन्य वर्गों के वोट बैंक में सेंधमारी की रणनीति भी तय कर ली है।इस कारण अकाली दल को फिरोजपुर से नए चेहरे की तलाश है। इस सीट पर राय सिख बिरादरी के ज्यादा वोट होने के कारण घुबाया जीत हासिल करते थे। बीते कुछ सालों में फिरोजपुर में भाजपा ने सीमावर्ती इलाकों में काफी काम किया है। केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं के तहत फिरोजपुर के सीमावर्ती गावों के विकास व सड़कों को बनवाने का काम बीते कुछ सालों में काफी तेजी के साथ हुआ है।  इसके अलावा संघ की एक टीम लगातार सीमावर्ती इलाकों से लगते तमाम गावों के लोगों के साथ संपर्क में है। भाजपा के पूर्व प्रधान कमल शर्मा ने भी बीती सरकार के कार्यकाल में उक्त इलाकों में काफी काम करवाए हैं। नतीजतन इस बात की भी उम्मीद की जा रही है कि अकाली दल के साथ सीटों की अदला-बदली में फिरोजपुर सीट भी भाजपा के खाते में जा सकती है। साथ ही आनंदपुर साहिब, संगरूर व फतेहगढ़ साहिब की सीटों पर भी गठबंधन में मंथन करने का काम शुरू हो गया है।  बादल के साथ अमित शाह की बंद कमरे में हुई मुलाकात के दौरान सभी 13 सीटों के बारे में रणनीति पर चर्चा की गई। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि ओवरआल प्लान भाजपा का होगा और अकाली दल पंजाब व अन्य एजेंडों को उक्त प्लान में शामिल करवाएगा। गठबंधन प्रदेश की सभी 13 लोकसभा सीटों के लिए अलग-अलग रणनीति तय करके ज्यादा से ज्यादा सीटें अपनी झोली में डालने की कवायद में जुट गया है।  इसके अलावा भाजपा अपनी गुरदासपुर, अमृतसर व होशियारपुर सीटों के लिए भी रणनीति तय कर चुकी है। इसी माह से रणनीति पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए अमित शाह के निर्देश पर प्रदेश भाजपा की तरफ से टीमों को बनाए जाने का काम भी दो-चार दिनों में ही मुकम्मल करने की कोशिश की जा रही है।

भाजपा ने तय की अपनी तीनों लोकसभा सीटें निकालने की रणनीति

पंजाब में दलितों की बड़ी संख्या को देखते हुए इस बार पंजाब के लिए दलित कार्ड से लेकर युवाओं व महिला वोटरों को अपने पाले में खड़ा करने के लिए भाजपा ने केंद्र सरकार की स्कीमों का सहारा लेने की रणनीति तय की है। साथ ही धार्मिक एजेंडे को हिट करने के लिए भाजपा पहले ही लंगर पर जीएसटी खत्म करके मास्टर स्ट्रोक खेल चुकी है।

इसके अलावा, इस पर भी रणनीति तैयार हो चुकी है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के तरकश में मौजूद धार्मिक एजेंडे के और तीरों को कब और कैसे चलाना है।  इस बारे में रणनीति काे अंतिम रूप अमित शाह और प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर सिंह बादल की बंद कमरे में हुई बैठक में दिया गया। समय आने पर इसका खुलासा होगा कि बादल के तरकश से कौन-कौन से तीर निकलती है।

अकाली दल ने अभी से फिरोजपुर की सीट पर अपनी घेराबंदी व पकड़ को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है। इस सीट पर लंबे समय से अकाली दल के शेर सिंह घुबाया का कब्जा रहा है। 2017 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले अकाली दल के साथ तालमेल खराब होने के चलते घुबाया ने अपने बेटे को कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में उतार कर जीत हासिल कर ली थी।

इस कारण अकाली दल को फिरोजपुर से नए चेहरे की तलाश है। इस सीट पर राय सिख बिरादरी के ज्यादा वोट होने के कारण घुबाया जीत हासिल करते थे। बीते कुछ सालों में फिरोजपुर में भाजपा ने सीमावर्ती इलाकों में काफी काम किया है। केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं के तहत फिरोजपुर के सीमावर्ती गावों के विकास व सड़कों को बनवाने का काम बीते कुछ सालों में काफी तेजी के साथ हुआ है।

इसके अलावा संघ की एक टीम लगातार सीमावर्ती इलाकों से लगते तमाम गावों के लोगों के साथ संपर्क में है। भाजपा के पूर्व प्रधान कमल शर्मा ने भी बीती सरकार के कार्यकाल में उक्त इलाकों में काफी काम करवाए हैं। नतीजतन इस बात की भी उम्मीद की जा रही है कि अकाली दल के साथ सीटों की अदला-बदली में फिरोजपुर सीट भी भाजपा के खाते में जा सकती है। साथ ही आनंदपुर साहिब, संगरूर व फतेहगढ़ साहिब की सीटों पर भी गठबंधन में मंथन करने का काम शुरू हो गया है।

बादल के साथ अमित शाह की बंद कमरे में हुई मुलाकात के दौरान सभी 13 सीटों के बारे में रणनीति पर चर्चा की गई। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि ओवरआल प्लान भाजपा का होगा और अकाली दल पंजाब व अन्य एजेंडों को उक्त प्लान में शामिल करवाएगा। गठबंधन प्रदेश की सभी 13 लोकसभा सीटों के लिए अलग-अलग रणनीति तय करके ज्यादा से ज्यादा सीटें अपनी झोली में डालने की कवायद में जुट गया है।

इसके अलावा भाजपा अपनी गुरदासपुर, अमृतसर व होशियारपुर सीटों के लिए भी रणनीति तय कर चुकी है। इसी माह से रणनीति पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए अमित शाह के निर्देश पर प्रदेश भाजपा की तरफ से टीमों को बनाए जाने का काम भी दो-चार दिनों में ही मुकम्मल करने की कोशिश की जा रही है।

 
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