तो इन बड़ी वजहों के चलते एटीएम से खाली हाथ लौट रहे हैं लोग

एटीएम मशीनों के सामने लगी लंबी लाइनें करेंसी की कमी की वजह से नहीं हैं बल्कि इसके पीछे बैंकों की मनमानी और आम जनता के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया है। एटीएम मशीनों का कार्यभार और संचालन देखने वाली एक कंपनी के एक्जीक्यूटिव के मुताबिक बैंक रिजर्व बैंक से मिलने वाली करेंसी को एटीएम में डालने के बजाय अपने पास स्टोर कर रहे हैं, ताकि अपने ग्राहकों को पैसे दे सकें।  
तो इन बड़ी वजहों के चलते एटीएम से खाली हाथ लौट रहे हैं लोग
देश के एटीएम नेटवर्क और ट्रांसपोर्ट कैश को मैनेज करने वाली एक कंपनी ने कहा, ‘हमें सिर्फ दस प्रतिशत पैसा मिल रहा है। इस वजह से एटीएम मशीनों में पर्याप्त पैसा नहीं डाला जा पा रहा है, जबकि नए नोटों के मुताबिक 2.2 लाख एटीएम मशीनों को रिकैलिब्रेट किया जा चुका है।’
केंद्र सरकार ने बैंकों को इस बारे में सख्त निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने कहा है कि बैंक इस तरह का काम न करें और एटीएम मशीनों में कैश की सप्लाई को लेकर ईमानदार रहें। 
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि बैकों की ओर से अपने ग्राहकों को सर्विस देने की खबरें प्रचाारित हैं। बड़ी संख्या में एटीएम काम कर रहे हैं। यह सही नहीं है कि केवल 13 प्रतिशत एटीएम काम कर रहे हैं। हमने बैंकों को सलाह दी है कि वो एटीएम मशीनों में पैसा अपलोड करने पर ध्यान दें। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद पैसा निकालने को लेकर लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देकर कैश की कमी को दूर करने की कोशिश कर रहा है। वहीं बैंक अपने ग्राहकों को प्राथमिकता के आधार पर कैश उपलब्ध करा रहे हैं।
 के मुताबिक एटीएम नेटवर्क को मैनेज करने वाली एक कंपनी के अधिकारी ने कहा, ‘पहले हमें कैश नहीं मिल रहा था क्योंकि सप्लाई की कमी थी, लेकिन अब एटीएम मशीनों में कैश डाला जा रहा है। हालांकि देश के ज्यादातर एटीएम मशीनों में कैश नहीं है। इसकी वजह ये है कि बैंक कैश अपने पास ही रख रहे हैं।’
इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि बैंक अपने पास कैश इसलिए रख रहे हैं क्योंकि पैसा बदलवाने बैंक आ रहे ग्राहकों को कैश दिया जा सके। हालांकि इस संबंध में आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एक्सिस बैंक को भेजे गए सवाल का जवाब नहीं मिला है। 
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