जानिए.. हिचकी आने के पीछे क्या होती है बड़ी वजह..
उदान मुद्रा थायराइड संबंधी सभी रोगों में लाभकारी है। इस मुद्रा के अभ्यास से मन -मस्तिष्क दोनों प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही इसे प्रतिदिन करने से बुद्दि का विकास होता है।
उदान मुद्रा से स्मरण-शक्ति और समझदारी बढ़ती है। मन शांत रहता है। व्यक्ति मानसिक रूप से स्थिर हो जाता है। थायरॉइड के रोगियों को इसके साथ उज्जायी प्राणायाम करने से बहुत लाभ होता है। इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले अंगूठा, तर्जनी, मध्यमा और अनामिका उंगलियों के शीर्ष को एक साथ मिलाएं। कनिष्ठा को सीधा रखें।
इसे प्रतिदिन 45 मिनट अवश्य करें। शुरूआत में थोड़ा कम करें, लेकिन कुछ दिनों के बाद आप समय बढ़ा सकते हैं। लाभ अवश्य नजर आएगा।
उदान मुद्रा को करने से हाथ और पैरों में मौजूद उदान वायु संतुलन में रहती है। इस आसन को करने से आवाज मीठी होने के साथ मन के विचार भी शुद्द होते हैं।