मेरा सब कुछ लूट गया, भाई साहब..! पत्‍नी ने किसी लायक नहीं छोड़ा

रायपुर। ‘मेरा सब कुछ लूट गया, भाई साहब…। जिस पत्नी ने उम्रभर साथ निभाने का वादा किया था, वह इतनी निष्ठुर और बेवफा निकलेगी, सोचा नहीं था। दूसरे के साथ रहने की चाह में वह अपनी ही कोख से जन्मी मासूम हर्षिता उर्फ अंशू की जान ले लेगी, ऐसा कभी नहीं लगा। लिली उर्फ लक्ष्मी ने मेरा सब कुछ तबाह कर दिया।’ यह कहना है मां के हाथों मारी गई मासूम बच्ची हर्षिता के पिता भोलाराम महार का।

मेरा सब कुछ लूट गया, भाई साहब पत्‍नी ने किसी लायक नहीं छोड़ा

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दिल दहला देने वाले इस हत्याकांड के खुलासे के दूसरे दिन नईदुनिया ने महार परिवार से बातचीत की। परिवार के सभी लोग बहू के इस रूप को देखकर चकित और दुखी हैं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि मासूम सी दिखने वाली लिली का यह खतरनाक और घिनौना रूप भी हो सकता है। गुढ़ियारी के बजरंगनगर, गोगांव स्थित महार परिवार के घर पर लोगों का घटना के बाद से ही तांता लगा हुआ है। पड़ोस के अलावा रिश्तेदार, परिचितों की आवाजाही लगी है। शुक्रवार शाम को हत्याकांड में मां के ही शामिल होने की जानकारी लोगों को लगी तो वे अवाक रह गए।

निजी संस्था में कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करने वाले भोलाराम महार ने बताया कि पत्नी लिली ने ही हर्षिता की हत्या की है, इसका जरा भी आभास नही था। कल शाम 5 बजे पुलिस वाले उसे तथा उसकी पत्नी को गुढ़ियारी थाने लेकर गए थे। वहां महिला पुलिसकयों ने बताया कि तुम्हारी पत्नी ही हर्षिता की कातिल है। उसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। पहले तो यकीन नहीं हुआ कि यह कैसे हो सकता है…कोई मां अपने ही कलेजे के टुकड़े को कैसे मार सकती है।

पत्नी ने कहा-अब कैसे मुंह दिखाऊंगी

बच्ची की हत्या कबूलने के बाद जब भोलाराम का सामना लिली से हुआ, तब उसने कहा कि-ये क्या कर दिया? लिली ने कहा कि अब मैं लोगों और घर वालों को कैसे मुंह दिखाऊंगी? सारा कुछ अपने हाथों से बर्बाद कर दिया। अपनी दरिंदगी पर अब उसे पछतावा हो रहा था।

बदल गया था व्यवहार, लेकिन जरा भी शक नहीं था

घटना के बाद से लिली का व्यवहार पहले की तरह नहीं रहा था। बच्ची को याद करके भोलाराम जब भी रोता, तब उसके पास लिली आकर बैठ जाती और समझाते हुए कहती थी-जो हो गया, उसे भूलना पड़ेगा। उसकी बातों से लगता था कि बच्ची की मौत का गम उसे था ही नहीं।

दूसरे बच्चे का सपना देख रहा था भोला

भोला ने बताया कि वह हर्षिता को बेहद प्यार करता था। केवल मां लिली को छोड़कर घर के सभी लोग उसे चाहते थे और साथ में खेलते थे। वह हर्षिता के भाई यानी दूसरे बच्चे का सपना भी देख रहा था। पत्नी लिली ने कभी यह एहसास नहीं होने दिया कि वह उसे नहीं, किसी और को चाहती है। अगर वह एक बार भी सच्चाई बता देती तो वह उसे छोड़ने को तैयार हो जाता और बच्ची की जान भी बच जाती।

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मां के हाथ तक नहीं कांपे

बहू लिली की इस करतूत से भोला के पिता पूरनलाल महार, मां तुलसाबाई, भाई ओमप्रकाश, बहन प्रेमाबाई और उसका पति बृजेश कुमार बेहद दुखी हैं और मासूम हर्षिता को याद करके रोते है। पूरनलाल का कहना है कि बहू ऐसी निकलेगी, इसका अंदाजा नहीं था। हर्षिता की हत्या करते वक्त बहू के हाथ तक नहीं कांपे।

जेल भेजी गई

गुढ़ियारी टीआई भूषण एक्का ने बताया कि बच्ची की हत्या के मामले में गिरफ्तार लिली उर्फ लक्ष्मी महार को धारा 302, 201 के तहत शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

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