जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर पाली जनपद के मछेहा और उससे लगे लगभग 7 गांवों के तीन दर्जन से ज्यादा छात्राएं अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल तक का सफर तय कर रही हैं। मछेहा और सुंदरदादर के बीच बहने वाली जोहिला नदी को पार करने के लिए इन छात्राओं को पेड़ के मोटे तने से बनी उस डोंगी का सहारा लेना पड़ता है जिससे मुन्ना मांझाी खेता है। नदी के तेज बहाव में जब ये डोंगी डमगम डगमग करती है तो नन्हीं छात्राओं की जान गले में फंस जाती है।यूपी की ताज नगरी मेें बदमाशों ने सिपाही की गोली मारकर की हत्या
जा चुकी दो विद्यार्थियों की जान
सुंदरदादर माध्यमिक पाठशाला, हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी में पढ़ने आने वाले दो विद्यार्थियों की जान स्कूल तक के सफर में जा चुकी है। वर्ष 2007 में कक्षा 9 वीं की पंचवती और इसी कक्षा के मनोज सिंह नदी में बह गए थे। इन दो मौतों के बाद भी प्रशासन नहीं चेता और अभी तक नदी पर पुल नहीं बन पाया।
दो बच्चियों की बची जान
2007 की तरह ही 2015 में भी दोबारा एक हादसा हुआ और दो बच्चियां जोहिला नदी में स्कूल जाने के दौरान बह गईं। मछेहा निवासी अमरलाल की बेटी ओमवती यादव और सोमवती याद डोंगी पलटने से बह गई थीं लेकिन इन दोनों लड़कियों को किसी तरह बचा लिया गया।
कम पानी में पैदल पार करते हैं नदी
मछेहा और उससे लगे गांव के लोग और यहां के छात्र नदी में पानी कम होने परउसे पैदल ही पार करते हैं और ये स्थिति और भी खतरनाक होती है। पानी कम होने का मतलब ये नहीं कि रास्ता एकदम साफ रहता है बल्कि ये कि पानी घुटने से एकदम ऊपर तक रहता है।
नहीं हुआ पुल का निर्माण
पांच साल पहले जोहिला नदी पर विराट नाला के संगम के नजदीक पुल का निर्माण शुरु हुआ था लेकिन आज तक निर्माण पूरा नहीं हो पाया। अभी तो पुल के पिलर भी पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुए हैं। लेकिन कोई भी अधिकारी न तो काम देखने जाता है और न ही समस्या।